logo

शारदीय नवरात्रा पर विशेष, मसूदा में बायासा माता का सबसे प्राचीन दुर्गा मंदिर जो देवियों के मंदिरों में सबसे प्राचीन है

संवाददाता राकेश जीनगर
मसूदा। कस्बे में प्राचीन बायासा माता मंदिर में प्राचीन माताजी की सात बहनों के एक साथ होने से यह स्थल श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। अजमेरी गेट के पास प्राचीन बायासा माताजी मंदिर स्थित है। जहां शारदीय नवरात्रा पर विशेष पूजा अर्चना होती हैं। वहीं मंदिर ब्यावर से 22 एवं खरवा से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर प्राचीन परम्परा से बना हुआ है। कच्चे परिसर में माताजी की प्रतिमा स्थापित है। जो आज भी उसी स्वरूप में स्थापित है। शारदीय नवरात्रा शुरू होने के साथ ही मंदिर में दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता शुरू हो जाता है। मंदिर को लेकर मान्यता है कि सात बहनों का एक ही मंदिर होने से यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं को एक साथ सात देवीय शक्तियों का आशीष मिलता है। कस्बे सहित आस-पास क्षेत्र के लोग अपने बीमार बच्चों को स्वास्थ्य लाभ के लिए यहां लेकर आते हैं। पुजारी विनोद ने बताया कि इस प्राचीन मंदिर में उनकी कई पीढिया सेवा पूजा कर चुकी है। मंदिर में आज भी प्राचीन काल से चली आ रही परम्पराओं का विधिवत निर्वाह किया जा रहा है, इसके अलावा यहां बरसों से उसी अवस्था में कच्चा आंगन बना हुआ है जो गाय के गोबर से लिपा जाता है जिससे मन्दिर ओर भी सुन्दर दिखता है। ऐसे में यहां का सबसे प्राचीन दुर्गा मंदिर जो देवियों के मंदिरों में सबसे प्राचीन है जिससे आज भी मंदिर परिसर कच्चा ही है। यहां पर वैसे तो मंदिर में वर्षभर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्र में यह संख्या और बढ़ जाती है।

144
6252 views