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झारखंड में जातिवाद की आग, मणिपुर जैसे हालात की आशंका; झारखंडियों को एकजुट होने की जरूरत- लॉरेंस जोजो

चाईबासा : झारखंड इन दिनों जातिवाद की गहराती खाई से जूझ रहा है. सामाजिक सौहार्द पर संकट मंडरा रहा है और हालात ऐसे बनते दिख रहे हैं जैसे मणिपुर में हिंसा के पहले बने थे. आदिवासी, मूलवासी और पिछड़े वर्गों के बीच बढ़ती खींचतान से राज्य में तनाव का माहौल है.

समाज सेवी श्री लॉरेंस जोजो ने कहा कि यह संकट केवल सामाजिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी है. जो ताकतें पहले झारखंड को अलग राज्य नहीं बनाना चाहती थीं, आज इस आपसी संघर्ष से लाभ उठा सकती हैं. ऐसे में ज़रूरत इस बात की है कि झारखंड के लोग जातीय लड़ाइयों को दरकिनार कर ‘वृहद झारखंड’ की अवधारणा पर फिर से सोचें. श्री जोजो ने ये भी कहा कि वृहद झारखंड सिर्फ एक भौगोलिक सपना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक एकता का प्रतीक हो सकता है. यदि झारखंडी समाज अब भी नहीं जागा, तो बाहरी हस्तक्षेप और आंतरिक बिखराव से राज्य की पहचान और अधिकार दोनों खतरे में पड़ सकते हैं. इस समय झारखंडी समाज जातिवाद से ऊपर उठकर एकजुट हो , तभी झारखंड का वास्तविक भला संभव है.

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