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"दिल या दिमाग" "दो शख्स एक दूसरे के लिए"

"दो शख्स एक दूसरे के लिए"
जब कोई दो शख्स एक दूसरे के लिए वो कर सकते हैं जो कोई उनके लिए नहीं कर सकता या करना नहीं चाहता। तो वो दोनो चाहे कोई भी हो, जाने या अनजाने, दोस्त या दुश्मन उन दोनों को हाथ मिला कर दोस्ती या समझौता करना चाहिए। क्योंकि अगर कुछ नहीं करेंगे तो फ़ायदा नहीं होगा, नुक्शान का पता नहीं। और दुश्मनी करेंगे तो दोनों का नुक्सान होगा किसी का ज़्यादा और किसी का कम। और अगर दोस्ती या समझोता करेंगे तो दोनों का फ़ायदा होगा किसी का ज्यादा किसी का कम होगा लेकिन फ़ायदा होगा ज़रूर।
--असलम बाशा (A. B.)

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