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हरियाणा में पराली पर सख्त पहरा: प्रोटेक्शन फोर्स में 8 हजार नोडल अधिकारी तैनात, अब इतना होगा जुर्माना

हरियाणा में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए सरकार ने इस बार बड़े पैमाने पर तैयारी की है। 20 सितंबर से मुख्यालय स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा, जहां आम लोग गोपनीय तरीके से पराली जलाने की शिकायत दर्ज करा सकेंगे।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने खरीफ 2025 में लगभग 65 लाख मीट्रिक टन पराली उत्पादन का अनुमान लगाया है। इस बार 41 लाख एकड़ में धान की रोपाई दर्ज हुई है और करीब 5 लाख किसानों ने “मेरी फसल मेरा ब्योरा” पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। राज्य सरकार ने पराली प्रोटेक्शन फोर्स के रूप में 8,000 नोडल अधिकारियों को तैनात किया है, जो हर 100 किसानों पर निगरानी रखेंगे। यह टीम जिले के उपायुक्त की देखरेख में काम करेगी।

पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी के लिए इसरो (ISRO) और हरसेक (Haryana Space Applications Centre) की मदद ली जाएगी। सैटेलाइट से प्राप्त डाटा के आधार पर दोषियों की पहचान की जाएगी।

पराली जलाने वालों पर जुर्माना किया दोगुना

सरकार ने इस बार पराली जलाने वालों पर जुर्माना भी दोगुना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, 2 एकड़ तक पराली जलाने पर 5 हजार रुपये, 2 से 5 एकड़ तक 10 हजार रुपये और 5 एकड़ से अधिक पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर ऐसे किसानों की रेड एंट्री की जाएगी, जिससे वे अगले 4 सीजन तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे।

किसानों को जागरुकता के लिए चलाया अभियान

कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव अभियान शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि पराली न जलाने का विकल्प चुनने वाले किसानों को ही इस बार पोर्टल पर पंजीकरण की अनुमति दी गई है।

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