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कोरोना के बढते प्रकोप के लिए हमारा भ्रष्ट तंत्र कहां तक जिम्मेदार...?

मेरठ। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के भारत में लगातार बढते प्रकोप की प्रमुख वजह सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार, लापरवाही और सियासत है, इसमें कोई संदेह नहीं है।

इसका सबसे बडा उदाहरण यह है कि बुलंदशहर, खुर्जा और सहारनपुर के सरकारी अस्पतालों में वर्षो से खराब पडे आक्सीजन प्लांटों को जब आर्मी के हवाले रख्किया गया तो आर्मी के तकनीकी कर्मचारियों ने उन्हें चंद घंटों में ठीक कर दिया।
यहां यह गौरतलब है कि इन आक्सीजन प्लांटों के रखरखाव के लिए सरकारी कर्मचारी नियुक्त हैं। वर्षों से वे सरकारी खजाने से वेतन ले रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब बडी संख्या में संक्रमित मरीजों को आक्सीजन की जरूरत पडी तो उनके तीमारदार आक्सीजन के लिए प्राइवेट प्लांटों पर भटकते रहे, जबकि सरकारी लालफीताशाही और भ्रष्टाचार के कारण इन अस्पतालों के आक्सीजन प्लांट जरूरत के समय खराब पडे थे। सवाल उठता है कि क्या इन आक्सीजन प्लांटों को जानबूझकर ठीक नहीं किया जा रहा था, ताकि प्राइवेट प्लांटों से आक्सीजन लाने पर कर्मचारियों को कमीशन मिल सके।

 यह हमारे सिस्टम की लापरवाही कहिए या सियासत कि कोरोना की दूसरी लहर से बडी संख्या में मरीज काल कवलित हो रहे हैं, जबकि सरकार का कहना है कि इससे मुकाबले के लिए अगले छह महीनों में वैक्सीन का पूरा स्टाक हमारे पास होगा, यानि अगले छह माह तक इस देश के कितने लोगों को वैक्सीन मिल पाएगी और वैक्सीन के अभाव में कितने लोग संक्रमित होकर काल कवलित होंगे, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।

और सबसे बडा सवाल यह है कि अभी तो कोरोना की तीसरी लहर की बात चल रही है। कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए हमारे देश में कोई मुकम्मल तैयारी नहीं की गई थी। सरकारें चुनाव कराने में व्यस्त थीं, जबकि अन्य देश इस महामारी के अगले चरण से मुकाबले की मुकम्मल तैेयारी कर चुके थे। यहां अभी तक कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबले की तैयारी नहीं  हो पाई है। इस बीच निकट भविष्य में कोरोना का कोई और भयावह स्वरूप विकसित होगा   तो उसका मुकाबला कैसे किया जाएगा, यह अंदाज लगाना मुश्किल है। 

आज जबकि देश कोरोना महामारी के कारण कठिन हालात से गुजर रहा है। केंद्र व राज्य सरकारें बजाय इसके कि एकजुट होकर इस महामारी से मुकाबले के लिए कोई सर्वमान्य रास्ता निकालतें, एक दूसरे पर दोषारोपण में जुटी हुई हैं। आखिर कब चेतेंगे हमारे राजनेता और जनता को कब तक इनकी सियासत का शिकार होना पडेगा...?
                                                              महेश शर्मा
                                                            राष्ट्रीय अध्यक्ष
                                                          आल इंडिया मीडिया एसोसिएशन

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