logo

“अगर सच में यह हो तो न्यायालय की मर्यादा ध्वस्त” — CJI Gavai के बचपन के बयान पर उठ रहे सवाल:

भारत के वर्तमान मुख्यमंत्री न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई ने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि उनका बचपन झोपड़पट्टी में गुज़रा था और जीवन बचपन से ही “अत्यंत कठिनाइयाँ और संकोचजनक स्थितियों” से भरा रहा। मीडिया और सार्वजनिक चर्चा में इस दावे को लेकर कई लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं क्योंकि कुछ तथ्यों के अनुसार उनकी पारिवारिक और सामाजिक पृष्ठभूमि इससे मेल नहीं खाती।
वास्तविक तथ्य / पृष्ठभूमि:
जन्म : CJI गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को अमरावती, महाराष्ट्र में हुआ था।
पारिवारिक पृष्ठभूमि : उनके पिता आर. एस. गवई एक वरिष्ठ ambedkarite नेता रहे, जिन्होंने राजनैतिक दायरे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई — विधायक, सांसद, एवं बाद में राज्यपाल भी रहे। उनकी माँ, कमलताई, एक शिक्षिका थीं।
शिक्षा और सामाजिक स्थिति : उन्होंने अपने प्रारंभिक स्कूल जीवन अमरावती के Frezarpura semi-slum क्षेत्र की नगरपालिका स्कूल में बिताया। बाद में उन्होंने अन्य स्थानों में भी शिक्षा प्राप्त की I
पिता की राजनीतिक स्थिति : पहला निर्वाचन: उनके पिता विधायक चुने गए थे, सामाजिक जीवन में सक्रिय थे। RS गवई ने विधायक (MLA), सांसद (MP) और राज्यपाल की भूमिका निभाई है।
बयान की सच्चाई की जांच (टिप्पणियाँ): जहाँ CJI ने “झोपड़पट्टी” शब्द का प्रयोग किया है, जहाँ वे कहते हैं कि उनका बचपन अत्यंत कठिन था —बहुत ही शर्मनाक बयां है, और उनकी मानसिकता को उजागर करता है I
CJI गवई का यह दावा कि उनका जीवन बचपन से अत्यंत कठिनाइयों से भरा था, सामाजिक और संवैधानिक अवसरवादिता को उजागर करता है। कुछ विवरण, जैसे पिता के विधायक बनने का समय, लगातार विधायक बनना, आदि, सार्वजनिक रिकॉर्ड से पूरी तरह मेल खाते हैं,। यदि देश का मुख्य न्यायाधीश ऐसी बात कहे जो तथ्य-तथ्यों के अनुरूप न हो, तो इससे न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं, न्याय की उम्मीदों में कमी आ सकती है।
महेश प्रसाद मिश्रा भोपाल…..

2
1791 views