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कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ मुजरिमों जैसा बर्ताव क्यों ...?

मेरठ। सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ मुजरिमों जैसा बर्ताव किया जा रहा है। मरीजों को उनके परिजनों एवं तीमारदारों से मुलाकात नहीं कराई जाती, जिसकी वजह से वे अपने परिवार एवं समाज से पूरी तरह कट जाते हैं। दूसरी ओर उनके परिवारवालों को उनके कोई हाल चाल नहीं मिल पाते, जिससे वे लोग भी परेशान रहते हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बहुत जरूरी है कि उनका मनोबल न टूटने पाए। इसके लिए जरूरी है उचित उपचार के साथ-साथ उन्हें भावनात्मक संबल भी प्रदान किया जाए। उन्हें यह एहसास दिलाया जाए कि कोरोना महामारी से जंग में वे अकेले नहीं हैं, बल्कि परिवार व समाज उनके साथ खडा है। यह काम केवल उनके परिजन व तीमारदार ही कर सकते हैं और यह तभी हो सकता है, जब उनकी मुलाकात अथवा बातचीत हो। चाहे व प्रत्यक्ष रूप से हो अथवा टेलीफोन या वीडियो काल के माध्यम से हो।

इसके विपरीत हो यह रहा है कि सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को राम भरोसे छोड दिया जाता है। डॉक्टर व चिकित्सा कर्मी उनके पास नहीं फटकते तथा दूर से ही बात करते हैं। उधर उनके परिजनों को भी उनसे दूर रखा जाता है। इससे वे मानसिक रूप से बुरी तरह आहत होते हैं।

बात केवल यहीं तक नहीं सीमित है। हालात तो यहां तक खराब हैं कि अस्पताल के बाहर मरीजों के परिजनों को यह विश्वास दिलाया जाता है कि उनके मरीज का उचित उपचार हो रहा है तथा उसकी हालत ठीक हो रही है। इसके विपरीत मरीज अंदर या तो तडप रहा होता है अथवा दम तोड चुका होता है। बुलंदशहर के कोरोना संक्रमित मरीज संतोष कुमार की मेरठ मेडिकल कॉलेज में ​पिछले दिनों हुई मौत और लावारिस के रूप में किया गया उनका अंतिम संस्कार इसका स्पष्ट उदाहरण है। सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेज की बदइंतजामी के कारण ही कोरोना के मरीजों की सबसे अधिक मौतें इन अस्पतालों में हुई हैं।

जिला प्रशासन अथवा अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि वह मरीजों के साथ मुजरिमों जैसा बर्ताव करने के बजाय उनका हौसला बढाए। उनके परिजनों और तीमारदारों से रोजाना टेलीफोन अथवा वीडियो काल के जरिये बातचीत कराए। इससे जहां मरीजों का मनोबल बना रहेगा वहीं उनके ​परिवार के लोगों का भी चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा बना रहेगा। इस कठिन समय में यह बहुत जरूरी है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का भी यह फर्ज है कि वे समय समय पर अपने क्षेत्र के कोरोना संक्रमित मरीजों का हालचाल लेकर उन्हें मानसिक रूप से संबल प्रदान करते रहें।
                                                महेश शर्मा
                                                 राष्ट्रीय अध्यक्ष
                                                आल इंडिया मीडिया एसोसिएशन

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