
जर्जर स्कूल भवन गिरने से मासूमों की मौत, मुआवजे व न्याय की मांग को लेकर आदिवासी भील समाज का भूख हड़ताल
@ झालावाड़, 17 सितम्बर, 2025
झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र के ग्राम पीपलोदी में दिनांक 25 जुलाई 2025 को जर्जर सरकारी स्कूल भवन गिरने से 7 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि लगभग 25–30 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना के करीब डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी मृतक व घायल बच्चों के परिवारों को उचित मुआवजा और न्याय नहीं मिल पाया है।
आदिवासी भील समाज का आरोप है कि प्रदेश की भजनलाल सरकार ने मृतक व पीड़ित बच्चों के परिवारों को अब तक केवल 13 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है। वहीं, बच्चों की शिक्षा और भविष्य को सुरक्षित करने की बजाय पीड़ित परिवारों को बकरियां और एक बकरा देकर "औपचारिकता" निभाई गई, जो समाज के प्रति सरकार की सोच को दर्शाता है।
प्रमुख मांगें
आदिवासी भील समाज ने मानवाधिकार आयोग जयपुर को भेजे ज्ञापन में अपनी प्रमुख मांगे इस प्रकार रखी हैं—
मृतक बच्चों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा।
घायल बच्चों को 50–50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता।
प्रत्येक मृतक परिवार को 10 बीघा भूमि और एक सरकारी नौकरी (संविदा पर नहीं)।
ग्राम पीपलोदी में नए विद्यालय भवन का निर्माण मृतक बच्चों के नाम पर हो तथा प्रत्येक कक्षा का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा जाए।
घायल बच्चों को 12वीं कक्षा पास करने के बाद सरकारी नौकरी में 50% आरक्षण।
ग्राम पीपलोदी में स्वास्थ्य, पानी व बिजली की निशुल्क सुविधाएँ।
चेतन भील का मामला भी उठा
इसके साथ ही समाज ने चेतन भील पुत्र छोटूलाल के मामले को भी उठाया, जिनका हाथ और पसलियां मिनी सचिवालय के बाहर मार्बल स्टोन गिरने से टूट गई थीं। समाज की मांग है कि चेतन भील को 25 लाख रुपये की सहायता राशि और स्थायी सरकारी नौकरी दी जाए।
भूख हड़ताल जारी
इन सभी मांगों को लेकर आदिवासी भील समाज के तीन लोग शांतिपूर्वक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। आज हड़ताल का तीसरा दिन है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। समाज का कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।
यह जानकारी सत्यनारायण चौहान द्वारा दी गई।