
दुर्गावती महाविद्यालय बिछियां डुमरी में हिन्दी दिवस पर संस्कृति कार्यक्रम क्या गया आयोजित
हिंदी वह भाषा है जो भारत की अनेकता को एक सूत्र में पिरोती है : डॉ. इमरान खान
कैमूर। खबर कैमूर जिला के दुर्गावती प्रखण्ड क्षेत्र का है। जहां दुर्गावती महाविद्यालय बिछियां डुमरी कैमूर में साहित्य संगम के तत्वाधान में हिंदी दिवस के अवसर पर संस्कृति कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉ सुषमा कुमारी सिंह (प्राचार्य) के द्वारा किया गया। इस प्रोग्राम के कोऑर्डिनेटर हिन्दी विभाग के इमरान खान थे। इस कार्यक्रम के माध्यम से इन्होंने बताया की हिंदी वह भाषा है जो भारत की अनेकता को एक सूत्र में पिरोती है। और कविताओं के माध्यम से इन्होंने बताया कि सर्वभाषाओं से सर्वश्रेष्ठ है हिंदी सर्व भाषाओं की शिरोमणि है हिंदी। वही कार्यक्रम के वक्ताओं के रूप में प्रभात कुमार पाण्डेय (शिक्षक प्रतिनिधि) ने अपने विचार में बताया की हिंदी भाव की भाषा है। आपको बता दें कि ममता कुमारी ने अपने विचार में कविता के माध्यम से हिंदी के महिमा का वर्णन किया। वही अमरेंद्र ठाकुर ने हिंदी के आलोचनात्मक विकास पर ध्यान आकृष्ट किया। आपको आगे बताते हुए चलें की डॉ अलका सिंह ने हिंदी के संवैधानिक एवं ऐतिहासिक महत्व पर जोर दिया। वही डॉ बदरे आलम खान ने अपने वक्तव्य में कहा की भाषा ज्ञान की पैमाना नहीं होना चाहिए। इंग्लिश मीडियम और हिंदी मीडियम के बीच भेदभाव नहीं रहना चाहिए भाषा के आधार पर। हिंदी को जनसंपर्क भाषा बनने पर अपना तर्क प्रस्तुत किया। वही डॉ सरिता यादव ने अपने विचार में कहा निज भाषा की उन्नति पर जोर दिया। इस कार्यक्रम का संचालन राहुल कुमार सिंह ने किया और राष्ट्र निर्माण में हिंदी के भूमिका का भी जिक्र किया। इस कार्यक्रम का समापन अध्यक्षीय भाषण प्राचार्या डॉ सुषमा कुमारी सिंह ने स्वामी विवेकानंद जी के द्वारा जो हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए शिकागो में भाषण दिया और उसका उल्लेख किया। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को हिंदी का अधिक प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया। इस संवाद में असि. प्रो ओमप्रकाश चौबे, डाॅ.रोहित सिंह, रविशंकर पाण्डेय दीपक (कार्यक्रम पदाधिकारी एनएसएस), रोशनी कुमारी सिंह, परवेज अहमद, कुंदन सिंह, उजेन्द्र मौर्य, समस्त शिक्षकगण एवं छात्र छात्राएँ उपस्थित रहे।