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साहित्यिक समन्वय समिति एवं राष्ट्रीय कवि समागम समिति द्वारा देवास में भव्य कवि समागम 2025 सम्पन्न


@ देवास, 16 सितम्बर 2025 — साहित्यिक समन्वय समिति एवं राष्ट्रीय कवि समागम समिति के संयुक्त तत्वावधान में 13 एवं 14 सितंबर को देवास स्थित महाराणा प्रताप परिसर, मक्सी रोड पर कवि समागम 2025 का भव्य आयोजन किया गया। अध्यक्ष एवं संयोजक हास्य कवि श्री पंकज जोशी तथा विजय बहादुर सिंह राठौर जी के नेतृत्व में यह आयोजन नौ चरणों में संपन्न हुआ। समागम में देश के विभिन्न राज्यों से पधारे साहित्यकारों, कवियों एवं विद्वानों ने अपनी ओजस्वी प्रस्तुतियों से मंच को आलोकित किया।

मुख्य आकर्षण और अतिथि:
कार्यक्रम के समापन सत्र के मुख्य अतिथि विधायक महोदया श्रीमंत गायत्री राजे पंवार रहीं। सारस्वत अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि एवं छंद शास्त्री गुरु सक्सेना जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। इसके अलावा न्यायपालिका, व्यापार, कला, राजनीति और पत्रकारिता जगत की अनेक प्रतिष्ठित हस्तियों ने इस आयोजन में भागीदारी निभाई।

राजस्थान का गरिमामयी प्रतिनिधित्व:
राजस्थान के हाड़ौती अंचल से पधारे वरिष्ठ प्रबोधक एवं साहित्यकार आदरणीय अंजनी कुमार शर्मा जी ने वीर रस की ओजस्वी कविताएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को देशभक्ति की भावना से अभिभूत कर दिया। उनकी प्रस्तुति को भरपूर सराहना मिली।

झालावाड़ से आमंत्रित आदरणीया रानी रावल ‘रुद्रश्री’ जी ने अपनी प्रभावशाली रचनाओं के माध्यम से हाड़ौती की सांस्कृतिक विरासत को मंच पर जीवंत किया। उन्होंने “केसरिया बालम आवो नी पधारो म्हारे देश” जैसे सुमधुर स्वागत गीत से अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन किया और “अतिथि देवो भवः” की परंपरा को साकार किया। रानी पद्मावती व हाड़ी रानी जैसी बलिदानी वीरांगनाओं पर आधारित कविताएं प्रस्तुत कर उन्होंने समागम में वीर रस की गरिमा को और भी ऊँचाई प्रदान की।

सम्मान एवं समापन:
कार्यक्रम में उपस्थित सभी साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। आयोजन की सफलता पर आयोजक मंडल एवं सहभागी साहित्यकारों को हार्दिक बधाइयाँ दी गईं। इस अवसर पर साहित्य, कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिली।

कवि समागम 2025 न केवल साहित्य का पर्व बनकर उभरा, बल्कि इसने विभिन्न राज्यों के रचनाकारों को एक मंच पर लाकर राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समन्वय का संदेश भी दिया। सभी प्रतिभागियों को इस प्रकार के आयोजनों में निरंतर सक्रिय रहने और अपने-अपने क्षेत्र का गौरव बढ़ाने हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की गईं।

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