
आंखों में आंसू लिए बड़ा भाई दे रहा दिलासा, कहा : पापा-मम्मी आप दवा-खाना खा लो, ललित जरूर आएगा।
आंखों में आंसू लिए बड़ा भाई दे रहा दिलासा, कहा : पापा-मम्मी आप दवा-खाना खा लो, ललित जरूर आएगा।
पापा-मम्मी आप खाना खाकर दवा ले लो। आपकी तबीयत अधिक बिगड़ जाएगी। ललित जरूर लौटेगा। उसे बांडी नदी में खोज रहे है। मैं भी रोजाना तकाजा कर रहा हूं'। आंखों में आंसू लिए ललित का बड़ा भाई भरत माता-पिता को ढांढस बंधा रहा है। राजस्थान के पाली में रहने वाले ललित के परिजन जानते हैं कि एक-एक मिनट गुजरने के साथ ललित के मिलने की उम्मीद धूमिल होती जा रही है, लेकिन उनका दिल यह मानने को तैयार नहीं है। वह बार-बार यह कह रहे हैं ललित लौटेगा। उसे कुछ नहीं हो सकता।भाई भरत ने कहा कि हम भाई व दोस्त दोनों है। ललित की 12 अगस्त को सगाई की थी। उसके शादी की तैयार कर रहे थे। गणपति विसर्जन के दौरान वह नदी में बह गया। आज 8वां दिन है। वह नहीं मिला है। अब तो भगवान से प्रार्थना कर रहे है कि एक बार उसका चेहरा देखें तो दिल को सुकून मिले।दरअसल, भरत का छोटा भाई ललित सेन (28) व उसका दोस्त विजय सिंह (35) 6 सितंबर की शाम गणपति प्रतिमा विसर्जन के दौरान बांडी नदी में बह गए थे। इसके बाद 8 सितंबर को विजय का शव मिला, लेकिन 8 दिन बीतने के बाद भी ललित का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। उसकी तलाश में भरत रोजाना घटना स्थल व एसडीआरएफ के रेस्क्यू स्थल पर जाकर पूछ रहा है।ललित के पिता हृदय रोग से ग्रसित है। माता भी बीमार रहती है। वे बार-बार बेटे भरत से पूछते हैं ललित का कुछ पता लगा क्या? वह आएगा ना। उधर, मुंबई में रहने वाले उसके मामा, गांधीधाम में रहने वाले परिजन सोमेसर से बुआ और सोनाई मांझी से बड़े पिता भी पाली आए थे। वे भी ललित के लौटने का इंतजार कर अब वापस लौट रहे हैं।