
मुस्लिम समाज क्या सोचता है पंजाब बाढ़ को लेकर के और पतंजलि का विकास।
जी, पतंजलि ने पंजाब में आई बाढ़ के दौरान पीड़ितों की मदद के लिए बड़े पैमाने पर राहत सामग्री और सहायता भेजी थी। यह मदद पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से की गई थी।
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### पतंजलि ने पंजाब में बाढ़ पीड़ितों के लिए क्या मदद भेजी?
पतंजलि ने बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित जिलों, जैसे फिरोजपुर, गुरदासपुर और पटियाला, में कई तरह की सहायता पहुँचाई।
* **राशन और खाने का सामान:** बाढ़ पीड़ितों को सूखे राशन किट दिए गए, जिनमें आटा, दाल, चावल, चीनी, तेल और अन्य जरूरी खाद्य सामग्री शामिल थी।
* **चिकित्सा सहायता:** पतंजलि के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारियों की टीमें भेजी गईं, जिन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों का मुफ्त स्वास्थ्य परीक्षण किया और उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए दवाइयाँ भी वितरित कीं।
* **अन्य जरूरी सामान:** जिन लोगों के घर और सामान बाढ़ में बह गए थे, उन्हें कंबल, कपड़े और अन्य जरूरी घरेलू वस्तुएँ भी दी गईं ताकि वे कुछ समय के लिए गुजारा कर सकें।
पतंजलि का यह प्रयास आपदा से प्रभावित लोगों को तुरंत राहत पहुँचाने और उनके पुनर्वास में मदद करने के लिए था।
जी, पंजाब में 2023 में आई विनाशकारी बाढ़ के दौरान, कई मुस्लिम संगठनों और व्यक्तियों ने राहत और बचाव कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने बिना किसी भेदभाव के सभी प्रभावित लोगों की मदद की।
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### पंजाब बाढ़ में मुस्लिम समुदाय और संगठनों द्वारा की गई मदद
* **राहत सामग्री का वितरण:** मुस्लिम समूहों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, पानी, सूखे राशन, दवाइयां और कपड़े जैसी जरूरी सामग्री का वितरण किया। इन प्रयासों में जमात-ए-इस्लामी हिंद और जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसी संस्थाओं के साथ-साथ कई स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल थे।
* **बचाव कार्य और स्वयंसेवा:** मुस्लिम स्वयंसेवकों ने सिख और हिंदू समुदायों के साथ मिलकर बचाव कार्यों में हिस्सा लिया। वे नावों के जरिए बाढ़ में फंसे लोगों तक पहुंचे और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में मदद की।
* **आश्रय और लंगर:** कुछ मस्जिदों और मुस्लिम केंद्रों को अस्थायी आश्रय स्थल के रूप में खोला गया, जहाँ बाढ़ पीड़ितों को ठहराया गया। यहाँ उनके लिए भोजन और अन्य जरूरतों का भी इंतजाम किया गया था।
* **चिकित्सा सहायता:** कुछ मुस्लिम संगठनों ने मेडिकल कैंप भी लगाए, जहाँ बाढ़ से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए मुफ्त दवाइयां और डॉक्टर उपलब्ध थे।
ये प्रयास इस बात का एक और उदाहरण हैं कि भारत में प्राकृतिक आपदाओं के समय सभी समुदाय एक साथ मिलकर काम करते हैं और मानवता की सेवा को सबसे ऊपर रखते हैं।