
राशन घोटाला और गुंडई का खेल—दबंग कोटेदार और उसके बेटे पर मुकदमा दर्ज, गरीबों के हक पर कोटेदार डाल रहे डाका
धौरहरा/खीरी। सरकार चाहे जितने दावे कर ले कि गरीबों को हक का राशन ईमानदारी से मिलेगा, लेकिन हकीकत में व्यवस्था रसूखदार कोटेदारों की दबंगई के आगे बौनी साबित हो रही है। आलम यह है कि कोटेदार जनता को राशन देने के बजाय कम तौल कर लूटने और विरोध करने वालों को पीटने में मस्त हैं।
ग्राम पिपरिया मजरा कुम्हेना निवासी सुखराम पुत्र मैना लाल निषाद ने आरोप लगाया कि कोटेदार हसमत अली पुत्र साबिर अली निवासी सेखनपुरवा ने तय मात्रा से कम राशन दिया। जब उसने प्रति यूनिट 4 किलो के हिसाब से मना किया 5 किलो राशन लेने की मांग की तो कोटेदार आग बबूला हो गया और अपने तीन बेटों हिकमत, हुरमत और शरूफ अली संग मिलकर सुखराम को जमकर पीटा।
पीड़ित का कहना है कि दबंग कोटेदार ने धमकी देते हुए कहा—"जितना देंगे उतना ही लेना होगा। अधिकारी भी हिस्सा लेते हैं। अगर पूरा बांट देंगे तो हम क्या खाएंगे? अगली बार ज्यादा राशन लेने आए तो जान से मार देंगे।"
इस घटना से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि गरीब जनता को हक का राशन न देकर कोटेदार खुलेआम मनमानी कर रहे हैं। वहीं धौरहरा कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शिवाजी दुबे ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की मांग है कि ऐसे दबंग कोटेदारों पर कड़ी कार्यवाही कर गरीबों को राहत दिलाई जाए, ताकि उन्हें हक का राशन बिना डर और लाठी-डंडे के मिल सके।