
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस एवं निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य जाँच एवं परामर्श शिविर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया में लगभग 7 लाख लोग आत्महत्या करते हैं, और इनमें से अधिकांश को समय रहते सही मदद मिल सकती थी। हर वर्ष 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि आत्महत्या केवल एक व्यक्ति की समस्या नहीं है, बल्कि परिवार, समाज और पूरे समुदाय को प्रभावित करने वाली गंभीर चुनौती है। अच्छी बात यह है कि – आत्महत्या रोकी जा सकती है।
👉 इस अवसर पर द न्यूरो-साइको क्लिनिक, वाराणसी में एक निःशुल्क मानसिक स्वास्थ्य जाँच एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 100 से अधिक मरीजों को परामर्श और उपचार प्रदान किया गया। इस शिविर का उद्देश्य था – मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को प्रारंभिक स्तर पर पहचानना, कलंक को कम करना और समय पर सहायता उपलब्ध कराना।
परिवार के लिए संदेश
• अपने परिजनों के व्यवहार और भावनात्मक बदलाव पर ध्यान दें।
• उदासी, निराशा, अलगाव या मौत की बातें करना संकेत हो सकते हैं।
• आलोचना न करें, बल्कि सहानुभूति और सुनने का भाव रखें।
• समय रहते विशेषज्ञ डॉक्टर या काउंसलर की मदद लें।
सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए संदेश
• आप समाज और विशेषज्ञों के बीच सेतु हैं।
• मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाएँ।
• कलंक (स्टिग्मा) को कम करने के प्रयास करें ताकि लोग बिना डर मदद ले सकें।
• सामुदायिक सहायता समूह बनाना जीवन रक्षक साबित हो सकता है।
समाज के लिए संदेश
• हमें चुप्पी और कलंक की दीवारें तोड़नी होंगी।
• अवसाद, तनाव और आत्महत्या के विचारों पर खुलकर बात करें।
• हर विद्यालय, कार्यालय और मोहल्ले में मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए।
• याद रखें: किसी से आत्महत्या के विचारों के बारे में पूछना नुकसान नहीं करता, बल्कि उसे मदद का रास्ता दिखाता है।
इस वर्ष का संदेश है: “आशा का निर्माण – हमारे कार्यों से।”
हम सब मिलकर किसी के जीवन में आशा की किरण जगा सकते हैं। एक छोटी-सी बात, एक सच्चा संवाद, या मदद का हाथ किसी को जीवन से जोड़ सकता है।
आइए आज संकल्प लें – हम किसी भी मौन पीड़ा को अनदेखा नहीं करेंगे।
परिवार, सामाजिक कार्यकर्ता और पूरा समाज मिलकर आत्महत्या को रोक सकते हैं और जीवन, सम्मान और आशा को आगे बढ़ा सकते हैं।
यदि आप या आपका कोई परिचित कठिनाई या आत्महत्या के विचारों से जूझ रहा है, तो तुरंत मदद लें।
👉 भारत की राष्ट्रीय आत्महत्या हेल्पलाइन नंबर है: 1800-599-0019 (24x7 उपलब्ध)।
आप स्थानीय मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, काउंसलर या नज़दीकी अस्पताल से भी संपर्क कर सकते हैं।
— डॉ. पंकज सिंह, एम.डी. (मनोचिकित्सा), एफ आई पी एस, एफ आई ए पी पी, ए पी ए (अमरीका)
वरिष्ठ न्यूरो मनोचिकित्सा विशेषज्ञ, द न्यूरो-साइको क्लिनिक, वाराणसी