
दरभंगा: पैतृक ज़मीन की अवैध बिक्री और जान से मारने की धमकी, सुबेश उर्फ़ बबलू का काला कारनामा उजागर..
दरभंगा जिले के सहसपुर पंचायत अंतर्गत चंदौना गाँव निवासी महेश मिश्रा और कमलेश मिश्रा ने यह स्पष्ट किया है कि उनके ही सगे भाई सुबेश कुमार मिश्रा उर्फ़ बबलू ने पैतृक ज़मीन की अवैध बिक्री की है।
कागजात और परिवार के अनुसार, सीतामढ़ी जिला के पुपरी अंचल अंतर्गत विक्रमपुर मौजे की ज़मीन (खाता नं. 294, खेसरा नं. 239, थाना नं. 117, कुल रकबा 45 डेसिमल) का बंटवारा चारों भाइयों के बीच बराबर-बराबर पहले ही हो चुका था। इसके बावजूद सुबेश उर्फ़ बबलू ने पिता उपेंद्र मिश्रा की मिलीभगत से महेश और कमलेश के हिस्से की ज़मीन भी बेच दी। इस पूरे खेल में बाकी भाइयों से सारी जानकारी छुपाई गई।
जहाँ संतोष कुमार उर्फ़ टुन्ना ने सिर्फ अपनी ज़मीन बेची थी, वहीं सुबेश उर्फ़ बबलू ने भाईयों के हिस्से को भी हड़प कर बेच दिया। परिवार का कहना है कि यह सबकुछ छुपाकर किया गया और उन्हें जानबूझकर अंधेरे में रखा गया।
महेश और कमलेश मिश्रा का कहना है—
“यह अब विवाद का विषय नहीं बल्कि खुला सच और प्रूफ है कि सुबेश उर्फ़ बबलू ने धोखे से हम दोनों की ज़मीन बेची और हमें आर्थिक और मानसिक नुकसान पहुँचाया।”
“जो अपने ही भाई की ज़मीन हड़पकर बेच दे, वह भाई कहलाने लायक नहीं है।”
उन्होंने आगे बताया कि जब इस मामले में बात करने के लिए वे पुपरी राजबाग स्थित सुबेश उर्फ़ बबलू के घर पहुँचे, तो बबलू और उसके बेटे (साहिल) ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उनके शब्दों में—
“फोन कर गुंडा बुलाकर गंभीर परिणाम भुगतने पर मजबूर कर देंगे।” शब्दों का ज़िक्र था...
यह घटना न केवल धोखाधड़ी, जालसाजी और दस्तावेज़ों की हेराफेरी (IPC धारा 420, 467, 468, 471) के अंतर्गत आती है, बल्कि जान से मारने की धमकी (IPC धारा 506) का भी साफ़ मामला है।
महेश मिश्रा और उनके परिवार ने आम नागरिकों से अपील की है कि सुबेश उर्फ़ बबलू जैसे लोगों से सावधान रहें, क्योंकि ये न सिर्फ़ पैतृक संपत्ति हड़प सकते हैं बल्कि विरोध करने पर धमकी भी देते हैं।
साथ ही उन्होंने लोगों को आगाह किया कि ज़मीन से जुड़ी किसी भी खरीद-बिक्री में दस्तावेज़ों की पूरी तरह से जाँच करें और इसके जैसे ठगी करने वालों से बचें।