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पंजाबी बैठे हैं, तबाही की ढेरी पर। आस लगाए बैठे हैं, मोदी की फेरी पर।।

होशियारपुर: 9 सितंबर,2025 (बूटा ठाकुर गढ़शंकर)
जहां जहां भी त्रासदी ने नंगा नाच दिखाया वहां वहां नज़ारा ऐसा कि आंखें मूंद जाती हैं दिल की धड़कने रुकने लगती हैं। सोच से भी परे का मंज़र ऐसा कि कैसे खेत खलियान,पशु पक्षी, पेड़ पौधे, घर बार, कारोबार, और फसलें देखते देखते तबाह हो गई और कितने भाई बंधू आंखों के सामने मौत की आगोश में चले गए। कुदरत का ऐसा कहर बरपा कि इंसान ना आगे का और ना पीछे का रहा।
किंतु इस भयंकर संकट की घड़ी में पीड़ित लोगों की हर तरह की मदद करने वाले भाई बहनों और अनेकों संस्थाओं की तारीफ़ करना तो बनता ही है। मदद करने वाले अतः मदद पहुंचाने वाले चाहे वे विदेशों में बैठे हों या साथनीय निवासी हों खुलकर सामने आए हैं और पीड़ित लोगों की इस कदर सेवा कर रहे हैं कि जैसे वे उनका ही परिवार हो। सच में जहां इतना दर्द,स्नेह वा प्यार हो वहां कठिन से कठिन परस्थितियों से निपटना कितना आसान हो जाता है। भले ही मौत का निवाला बन चुके लोगों की भरपाई कर पाना असम्भव है पर उनकी जगह फरिश्ते बन कर साथ देना ही सच्ची मानवता और इंसानियत है। वैसे तो फिल्मी कलाकार, गायक,बहुत सारे खिलाड़ी और अन्य धार्मिक वा समाजिक संस्थाओं ने मोर्चा संभाला हुआ है पर मैंने अखबार में पढ़ा कि अमेरिका में बसते नामी वकील स.जसप्रीत सिंह अकेले ही 25 लाख की भारी राशी भेज रहे हैं, इंग्लैंड के श्री गुरु तेग बहादुर गुरुद्वारा लेस्टर की तरफ़ से प्रधान गुरनाम सिंह नवांशहर की अगवाई में 50 लाख की राशी भेजी जा रही है इसी तरह अमेरिका में कार्यरत गाखल ग्रुप नत्था सिंह गाखल की अगवाई में आधुनिक सुविधाओं से लैस एम्बुलेंस बाढ़ प्रभावित लोगों का डोर टू डोर तब तक मुफ्त इलाज करती रहेगी जब तक हालात समान्य नहीं हो जाते। सबकी सेवाएं बहुमूल्य और प्रशंसनीय है। पर तबाही का आलम इतना विशाल है कि हर कोशिश बौनी लगती है। ऐसे में देश के प्रधान मंत्री मोदी जी पंजाबियों के दर्द को अपने दिलो दिमाग से महसूस करने आ रहे हैं। उजड़ चुके लोगों की निगाहें उन पर टकटकी लगाए हुऐ हैं क्योंकि सरकारी मदद के बिना लोगों का वापिस जिंदगी में लौटना ना मुमकिन है।

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