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कर्मवीर जयानन्द भारती के सम्मान में आयोजित 08वां शैलशिल्पी पराक्रम दिवस – प्रमुख बीना राणा रहीं मुख्य अतिथि


गूमखाल, द्वारीखाल।
द्वारीखाल विकासखण्ड के गूमखाल स्थित सद्भावना लॉज में आज कर्मवीर जयानन्द भारती के सम्मान में आयोजित 08वें शैलशिल्पी पराक्रम दिवस समारोह में प्रमुख द्वारीखाल बीना राणा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। सेवा निवृत्त खंड विकास अधिकारी बिजेन्द्र रिंगोडी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का शुभारंभ कर्मवीर जयानन्द भारती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। उपस्थित जनों ने श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके बलिदान को नमन किया।

इस अवसर पर शैलशिल्पी विकास संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विकास कुमार ने जयानन्द भारती के जीवन चरित्र, उनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ संघर्ष और बलिदान की प्रेरक गाथा साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अंधविश्वास, छुआछूत जैसी कुरीतियों के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया और कई बार जेल यात्राएँ कीं। इसके अलावा उन्होंने डोला पालकी आंदोलन के विरोध में भी सक्रिय भूमिका निभाई।

कार्यक्रम में एम.एल. भारती प्रधानाचार्य, राजेन्द्र सिंह नेगी, एडवोकेट अवनीश नेगी, भारत भूषण शाह प्रधानाध्यापक, डॉ. त्रिलोक चंद सैनी, डॉ. अरुण खुगशाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस दौरान डॉ. त्रिलोक चन्द्र सोनी ‘वृक्षमित्र’ को शैलशिल्पी कर्मवीर जयानन्द भारती स्मृति सम्मान समारोह 2025 से विभूषित किया गया। वहीं एडवोकेट अवनीश नेगी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि बीना राणा ने अपने संबोधन में कहा कि “कर्मवीर जयानन्द भारती एक सच्चे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कर्तव्यनिष्ठ समाज सुधारक थे। उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने अंधविश्वास, छुआछूत जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ संघर्ष किया और समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य किया। डोला पालकी आंदोलन में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही। उनका बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा और हमें उनके पदचिहनों पर चलकर समाज को नई दिशा देनी होगी।”

कार्यक्रम में क्षेत्र पंचायत कुल्हाड़ शोभा देवी, क्षेत्र पंचायत गूम कुसुम देवी, प्रधान गूम रूचि देवी, प्रधान कोटलमंडा रचना देवी, धर्मप्रकाश, नत्थी प्रसाद (पूर्व प्रधान), किरण सोनी, राजेन्द्र नेगी, दशरथ रावत, कविता देवी, मनोज, शैलशिल्प कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अवनीश नेगी, प्रदेश महासचिव सतीश प्रकाश, प्रभारी द्वारीखाल, कोषाध्यक्ष काशीराम, तथा भारती जी की पुत्रवधु मगुली देवी सहित क्षेत्र की बड़ी संख्या में जनता ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन शैलशिल्पी विकास संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विकास कुमार आर्य ने किया।

यह आयोजन न केवल एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व का सम्मान था, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने, कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष और सेवा भाव को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण मंच भी साबित हुआ। कर्मवीर जयानन्द भारती की शिक्षाएँ और उनके बलिदान की गाथाएँ आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनेंगी

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