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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि SC/ST एक्ट 1989 के तहत दर्ज मामलों में आरोपी को अग्रिम जमानत तभी मिल सकती है जब पहली नज़र में यह साबित हो कि उसने अधिनियम का उल्लंघन नहीं किया है।

अदालत ने बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा आरोपी राजकुमार जीवराज जैन को दी गई अग्रिम जमानत रद्द करते हुए पीड़िता किरण की अपील स्वीकार कर ली। जैन पर 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान एक दलित परिवार से मारपीट और जातिसूचक गालियां देने का आरोप है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह कानून अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है और ऐसे मामलों में अदालतें केवल प्रथम दृष्टया आधार पर ही अग्रिम जमानत पर विचार कर सकती हैं।

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