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दलित अधिकार केंद्र करौली में शिव पैलेस पर जिला स्तरीय महिला समागम कार्यक्रम हुआ संपन्न।।

संवाददाता नरेश जाटव कैलादेवी/करौली

करौली जिले में दलित अधिकार केन्द्र, के तत्वाधान में दिनांक 05 सितम्बर, 2025 को जिला स्तरीय महिला समागम कार्यक्रम का आयोजन शिव पैलेश करौली में किया गया।समागम में केन्द्र के जिला समन्वयक मीठालाल जाटव ने मंच का संचालन करते हुए बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर को नमन करते हुए, समागम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों स्वागत किया व परिचय कराया गया, इसके बाद दलित अधिकार केन्द्र राजस्थान के कार्य व उदेश्यों पर प्रकश डालने के लिए जयपुर आये केन्द्र के फाइनेंश ऑफिसर श्री मुकेश मेहरा जी को आमन्त्रित किया गया आपने दलित अधिकार केन्द्र का परिचय देते हुए कहा कि दलित अधिकार केन्द्र, दलित मानवाधिकार केन्द्र समिति बताया कि एक संदर्भ केन्द्र है जो राज्य स्तर पर वर्ष 2002 से फाउन्डर स्व. श्री पी.एल मीमरौठ जी के नेतृत्व में दलितों की गरिमा स्वाभिमान मानवाधिकारों की रक्षा आजीविका जातिगत अत्याचार छुआछूत भेदभाव से मुक्ति व आर्थिक न्याय स्थापित करने के लिए कार्यकर रहा है आपने बताया कि केन्द्र दलितों महिलाओं, बच्चों, गरीबों वंचितों के सामाजिक आर्थिक सास्कृतिक शैक्षणिक अधिकारों को सुनिश्चित करना आदि कार्य कर रहा है। इसके बाद महिला समागम के उदेश्य व महिलाओ के अधिकारों पर प्रकाश डालने के लिए दलित महिला मंच की राज्य समन्वयक कश्मीरा सिहं जी को आमन्त्रित किया गया कश्मीरा जी का सभीप्रतिभागियों द्वारा ताली बजाकर जोरदार स्वगत किया इसके बाद कश्मीरा सिहं जी महिला समागम के उदेश्यों को बताते हुए कहा कि आज खराब मौसम होने के बाबजूद बडी भारी संख्या में महिला उपस्थित हुई है इससे मैं व केन्द्र को बडी खुशी हुई है आगे बताया कि समागम का मतलब है कि महिलाओं का मंच पर उपस्थित होकर एक साथ चर्चा करना एक दूसरे की समस्याओं का समझना तथा उनका समाधान करना तथा एक दूसरे की परेशानी में मदद करना या साथ देना तथा अपने अधिकार को जाजना समागम है। साथ ही उदेश्य के बारे में बताया कि दलित गरीब व वंचित महिलाओं को जिनको नही पता कि उनका जीवन कैसाहै,जिनको नही पता कि उनके जीवन जीने के क्या अधिकार है तथा उन्हे नही पता कि हमें आगे क्याकरना है तथा उनके क्या अधिकार है इसलिए अपने जीवन जीने व अपने अधिकारों को जानने के लिए मंच पर आना होगा एक साथ महिलाओं को बैठना होगा एक दूसरे की समस्याओं का जानना होगा व उनकी मदद करना होगा तथा एक दूसरे का साथ देना होगा और शिक्षित होकर अपनी बच्चियों को शिक्षित करना जब जाकर महिलाये आगे बढेंगी और अपने अधिकारों जानेंगी तब जाकर समाज व देश का विकास सम्भव होगा। समागाम कार्यक्रम का आगे बढाते हुए दलित अधिकार केन्द्र की राज्य समन्वयक खुश्बू सोलंकी को पोश एक्ट के बारे बताने के लिए आमन्त्रित किया गयापोश एक्ट 2013 का पूरा नाम कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीडन(रोकथामनिषेधऔर निवारण अधिनियम 2013 हैजो भारत में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीडन से बचाने और ऐसी शिकायतों के निवारण के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता हैइस अधिनियम का उद्धेश्य सभी प्रकार के संगठनों (सरकारी निजि) में एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य बातावरण सुनिश्चित करना होता है समागम में सामाजिक कार्यकर्ता एवं एडवोकेट वीरेन्द्र कुमार जाटव ने बताया कि दलित गरीब व वंचितों को बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर ने उनको शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार दिया है शिक्षा प्राप्त कर कोई भी व्यक्ति महिला हो या पुरूष माहान बन सकता है जिला स्तरीय महिला समागम में सामाजिक कार्यकर्ता व मण्डरायल चेयरमैन शिवचरण जाटव, महिला कार्यकर्ताश्रीमति, मण्डरायल से मौनिका सिहं, मांची से सरस्वती, करौली से किरण बाई, धुरसी सूरौठ से ममता जाटव गुडला से फूलवती जाटव आदि महिलाओं ने आपने अपने विचार रखे। समागम कार्यक्रम के अन्त में केन्द्र की ओर से सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और कार्यक्रम का समापन किया।।

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