गजल - तेरे हसीन ख्वाब
🌹 ग़ज़ल – तेरे हसीन ख़्वाब 🌹
तेरे हसीन ख़्वाब बहुत हसीन लग रहा है,
नूर भी कम नहीं, जुदाई जहाँ में सज रहा है।
तुम हो कहाँ, ढूँढूँ कहाँ तुझको मैं दीवानगी में,
हर मोड़ पे तेरा ही अक्स निगाहों में बस रहा है।
तेरे बिना तन्हाई भी पूछे हाल मेरा,
हर साँस तेरे नाम से ही धड़क रहा है।
वक़्त की आँच से बुझ न सके ये चिराग़ दिल का,
तेरी याद का उजाला अभी भी जल रहा है।
इक बार आ मिल जा, कि राहत मिल सके जाँ को,
ये हिज्र का सफ़र बहुत बोझिल सा लग रहा है।
क़फ़स में बैठे दिल की उड़ान बन जा,
तू पास न रहे तो दिल कहीं खो सा लग रहा है।
तेरी हँसी की रौशनी में ये जहाँ चमक उठे,
तेरे बिना हर रंग फीका, हर मौसम सुना लग रहा है।
और अगर तू दूर रहे तो हर ख़्वाब अधूरा,
तेरे प्यार की मिठास हर सांस में घुल रहा है।
कवि 🌿 ✍️ सुरेश पटेल ✍️🌿
दिनांक --- 06/09/2025