
मंडी प्रांगण में लाखों का खेल!,रोड-नाली बनी, जांच हुई – फिर भी कार्रवाई नहीं, ठेकेदार का दबदबा कायम,
मुकेश घुड़सवार की कलम से
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मंडी प्रांगण में लाखों का खेल!
मुकेश घोड़ेश्वर की कलम से
52.85 लाख खर्च, फिर भी सड़क-नाली बनी भ्रष्टाचार की पहचान
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की खैरलांजी मंडी प्रांगण में 52.85 लाख की लागत से बने सीमेंट रोड और नाली निर्माण की कहानी भ्रष्टाचार और लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बन गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले में पहले भी गंभीर खामियों की खबरें छप चुकी हैं, बड़े-बड़े इंजीनियर मौके पर पहुंचे, जांच-पड़ताल हुई – लेकिन कार्रवाई आज तक शून्य। ठेकेदार की दबंगई जारी है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
घटिया निर्माण की हकीकत
सड़क और नाली दोनों ही घटिया गुणवत्ता की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। नाली की दीवारें खोखली, सरिया कहीं पास तो कहीं दूर, और सबसे बड़ी लापरवाही – वाइब्रेटर का इस्तेमाल तक नहीं हुआ। यही वजह है कि सड़क बनने के महज डेढ़ महीने बाद ही उस पर पानी जमना शुरू हो गया है। किसानों का डर है कि खरीदी सीजन शुरू होते ही यह सड़क गड्ढों में तब्दील हो जाएगी।
ठेकेदार की दबंगई
ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी सवाल उठाया जाता है, ठेकेदार खुलेआम कहता है “जो करना है कर लो, तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।” साफ है कि ठेकेदार को किसी बड़े हाथ का संरक्षण प्राप्त है, तभी तो वह जनता और प्रशासन तक को चुनौती देने से नहीं हिचकता।
खैरलांजी जनपद पंचायत अध्यक्ष-आशु गुनाराम बघेल जनपद सदस्य झंकार कटरे भी चुप!
इस मुद्दे पर सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि खैरलांजी के जनपद अध्यक्ष और जनपद सदस्य खुद मौके पर आए, सब कुछ देखकर भी बिना कुछ कहे लौट गए। उन्होंने ठेकेदार पर एक शब्द तक नहीं बोला। ग्रामीणों का कहना है कि जब जिम्मेदार प्रतिनिधि ही आवाज़ नहीं उठाएंगे तो आम जनता का दर्द कौन सुनेगा?
अधिकारियों की लीपापोती
सब इंजीनियर राजकुमार अनुरागी तक मान चुके हैं कि कार्य में वाइब्रेटर का उपयोग होना चाहिए था और सरिया सही अनुपात में लगनी चाहिए थी। लेकिन गलती मानने के बावजूद सुधार नहीं हुआ। यह प्रशासन की लापरवाही और मिलीभगत दोनों को उजागर करता है।
जनता का सवाल
ग्रामीण अब खुलकर सवाल उठा रहे हैं –
👉 जब शिकायत, समाचार और जांच सब हो चुकी है तो कार्रवाई क्यों नहीं?
👉 क्यों ठेकेदार पर प्रशासन या जनप्रतिनिधियों में से कोई भी सख्त कदम नहीं उठा रहा?
👉 आखिर किसका हाथ है ठेकेदार के सिर पर? मांग – अब सिर्फ कार्रवाई चाहिए
जनपद उपाध्यक्ष ने दी चेतावनी
इसी मुद्दे पर जनपद उपाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद लिलहारे ने कहा है कि वह इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से करेंगे। ग्रामीणों की मांग है कि अब जांच नहीं, सीधे कार्रवाई की जाए और दोषियों को बख्शा न जाए।
ग्रामीणों ने साफ कहा है कि उन्हें अब जांच नहीं, सीधी कार्रवाई चाहिए।
ठेकेदार हो या अधिकारी – दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
👉 सवाल यही है कि क्या प्रशासन किसानों की आवाज सुनेगा, या ठेकेदार की दबंगई और नेताओं की चुप्पी से मंडी प्रांगण की यह सड़क-नाली भ्रष्टाचार की निशानी बनकर रह जाएगी?