
आर्य संन्यासी स्वामी ओंकारानंद सरस्वती के साथ आर्य समाज सेक्टर 22 के पदाधिकारीयो द्वारा अपमान और दुर्व्यवहार।
आर्य संन्यासी स्वामी ओंकारानंद सरस्वती के साथ आर्य समाज सेक्टर 22 के पदाधिकारीयो द्वारा अपमान और दुर्व्यवहार।
घेवरचन्द आर्य पाली सोशल मीडिया से। अंतर्राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता आर्य सन्यासी स्वामी ओंकारानंद सरस्वती महाराज जो अतिथि के रूप में आर्य समाज सेक्टर 22 में रुकते रहे हैं आर्य समाज पदाधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार कर सारा सामान रोड पर फेंककर धक्का देकर बाहर निकाल दिया जिसकी सर्वत्र निंदा हो रही है।
आज शुक्रवार को दोपहर के समय प्रधान रामेश्वर प्रसाद गुप्ता, उप प्रधान कमल कृष्ण महाजन, रिटायर्ड कर्नल धर्मेंद्र, सेक्टर 32 डी आर्य समाज के प्रधान योगराज चौधरी, आर्य समाज 22 के उप प्रधान जंग शेर सिंह, मंत्री विजय आर्य आर्य समाज सेक्टर 22 थाना के प्रभारी सुदेश बीट इंचार्ज सुरेंद्र को साथ लेकर आये और सभी ने पुलिस टीम की मोजूदगी में स्वामी ओंकारानंद सरस्वती (जिनका नाम पासपोर्ट एवं आधार कार्ड के ऊपर रवि प्रकाश शास्त्री है) का सन्यासी वाले कमरे में का सारा सामान बाहर गेट पर फेंक कर अपमानित किया।
बताया जाता है कि स्वामी ओंकारानंद जी महाराज पिछले 15/20 वर्षों से यहां अपने दिवंगत पिताजी के स्मृति स्वरूप समय समय पर दान राशि इस आर्य समाज को प्रदान करते रहे उन्होंने अब तक करीब 1.50 लाख की राशि इस समाज को भेंट कर चुके हैं। वे जहां अतिथि सन्यासी के रूप में रहा करते थे उसमें उनका दीवान बॉक्स पलंग दो डोनेशन के रूप में इन्हीं के द्वारा दिया गया था उनका अपना आवश्यक सामान पलंग बॉक्स के अंदर रहता था ताकि अन्य आचार्य एवं स्वामी के लिए रूम उपलब्ध रहे।
स्वामी ओंकारानंद जी सरस्वती को आज 5 सितंबर शुक्रवार को ही वंदे भारत से नई दिल्ली जाना था उसके बाद वहां से उनकी यात्रा सिंगापुर आर्य समाज में वेद प्रचार के लिए निश्चित थी। वहां से उनको निमंत्रण पत्र भी आया था लेकिन आर्य समाज के पदाधिकारियों ने उनके कमरे से जबरन सामान बाहर फेंककर कमरा खाली करवा कर गेट के बाहर फेक दिया। इस घटना की सोशल मीडिया पर जानकारी मिलते ही समस्त आर्य जगत में सेक्टर 22 के आर्य समाज पदाधिकारियों के विरूद्ध रोष व्याप्त हो गया।
आर्यों का कहना है कि अगर कमरा खाली भी करवाना था तो इसके लिए स्वामीजी को पहले से सूचित करना चाहिए था वे तो वैसे ही घर बार छोड़ चुके हैं तो यह आर्य समाज भी छोड़ देते । लेकिन लिखित रूप में सूचना दिये बिना उन्होंने सेक्टर 22 ए चौकी के पुलिस से मिलकर सन्यासी के ऊपर अत्याचार करवाया जो बहुत ही दुख का विषय है। जिसकी सर्वत्र निंदा हो रही है। आर्य समाज का उद्देश्य संसार का उपकार करना है लेकिन आर्य समाज सेक्टर 22 के पदाधिकारी ऋषि दयानंद के मन्तव्यों और सिद्धान्तों के विरूद्ध यह अनार्यत्व का आचरण क्यो कर रहे?
आश्चर्यजनक घटना स्थल पर मौजूद रहे प्रधान रामेश्वर प्रसाद गुप्ता, मंत्री विजय आर्य, सेक्टर 32 आर्य समाज के प्रधान योगराज चौधरी, आर्यसमाज सेक्टर 32 के मेंबर रिटायर्ड कर्नल धर्मवीर, आर्य समाज सेक्टर 22 के उप प्रधान कमल कृष्ण महाजन एवं रिटायर्ड एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जंगशेर आदि किसी ने भी इस इसका विरोध नहीं किया ? स्वामी ओंकारानंद जी सरस्वती ने आर्य समाज की सर्वोच्च संस्था सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली, आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब एवं आर्य विद्धत परिषद को घटना से अवगत करवाकर इसकी निष्पक्ष जांच कर दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करके न्याय दिलवाने की मांग की है। जिससे भविष्य में किसी और सन्यासी के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार न होवे। और उनको न्याय मिल सके।