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गुरुओं को गुरूता स्वयं के जीवन में लानी होगी

*गुरुओं को गुरूता स्वयं के जीवन में लानी होगी,*
**अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा फिर से पानी होगी*

*शिक्षक दिवस पर समस्त शिक्षकों को हार्दिक बधाई*

साथियों शिक्षक उसे कहते हैं जो हमें शिक्षा के साथ साथ नैतिक गुणों का भी हमारे अंदर प्रस्फुटन करता है, किंतु आज के आधुनिक युग में शिक्षा को कर्तव्य ना समझकर सिर्फ अपनी आजीविका का साधन मान लिया गया है जिस वजह से शिक्षा भी आदर्शवादी गुणों से परिपूर्ण न होकर सिर्फ येन केन प्रकरणों के द्वारा डिग्री भर हासिल कर दो पैसे कमाने तक सीमित हो गई है, मैं यह नहीं कहता की सभी शिक्षक ऐसे हैं किंतु कुछ हैं जो शिक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर शिक्षक जैसे परम आदरणीय पद को कलंकित कर रहे हैं अतः उनसे इतना ही कहना चाहूंगा की
*गुरुओं को गुरूता स्वयं के जीवन में लानी होगी,*
*अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा फिर से पानी होगी,*
*परिवर्तन का दौर चला हो गया समाज भौतिकतावादी,*
*जीवन के सच्चे मूल्य भुला अपराध प्रवृति का आदी,*
*आज वतन चल पड़ा पतन की पथरीली राहों पर,*
*भटक रही है नन्ही पीढ़ी हिंसा के चौराहों पर,*
*सोचो तो आंख ज़रा भर आई है,*
*नए युग की टीस उभर आई है,*
*हर दिल संवेदनशील बने,*
*कुछ ऐसी मुहिम चलानी होगी,*
*अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा फिर से पानी होगी,*
*हे आज के शिक्षकों,*
*नन्हें मुन्ने दिलों में संस्कार के सुंदर रंग भरना चाहोगे,*
*या फिर अपनी दाल गलाकर चुप रहना चाहोगे,*
*तुम पर लगी निगाहें सबकी,*
*अब तो राह बदलनी होगी,*
*गुरुओं को गुरूता स्वयं के जीवन में लानी होगी,*
*अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा फिर से पानी होगी,*

*कुंवर प्रताप यादवेंद्र सिंह यादव चंद्रवंशी उर्फ टाईगर भईया राष्ट्रीय अध्यक्ष वसुधैव कुटुंबकम्*

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