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जिले में प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों रूबरू हुवे कलेक्ट श्री सिंह

जिले में प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों से रू-ब-रू हुये कलेक्टर
ग्रामीणजनों के बीच पहुंचकर किया संवाद, शासकीय योजनाओं के लाभ की ली जानकारी


रिपोर्ट
भगवानदास शाह
जिला बुरहानपुर
मध्यप्रदेश ✍️
बुरहानपुर/03 सितम्बर, 2025/- जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये कृषि विभाग और उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में जागरूक किया जा रहा है और उन्हें इस खेती को अपनाने के लिये प्रेरित भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को कलेक्टर श्री हर्ष सिंह ने नेपानगर अनुभाग अंतर्गत ग्रामों का दौरा कर प्राकृतिक खेती का अवलोकन किया।

प्राकृतिक खेती और ऑईल मिल यूनिट का किया अवलोकन
प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों से मिलने आज कलेक्टर श्री हर्ष सिंह ग्राम दैय्यत पहुंचे। कलेक्टर ने जिले में परंपरागत कृषि विकास योजनांतर्गत जैविक खेती कर रहे किसानों से चर्चा की, किसानांे द्वारा कपास, तुअर मक्का, पपीता, अरबी, हल्दी, इत्यादि फसल में जीवामृत एवं गोबर खाद का उपयोग कर उत्पादन प्राप्त करने की बात कही गयी। जिससे जमीन में नमी बनी रहती है। किसानों ने बताया कि, वे किसी प्रकार के रासायनिक खाद का उपयोग नहीं कर रहे है एवं कीट बीमारियों के नियंत्रण के लिए पांच पत्ती काढ़ा का उपयोग भी कर रहें है।

कलेक्टर ने प्राकृतिक खेती के लिये किया प्रोत्साहित
ग्राम तुकईथड़ के कृषक श्री तुलसीराम जामरे प्राकृतिक खेती के माध्यम से केला फसल की उपज प्राप्त कर रहे है। वहीं वे पीएमएफएमई योजनांतर्गत स्थापित ईकाई आईल मिल भी चला रहे है। कलेक्टर श्री हर्ष सिंह ने कृषक श्री तुलसीराम द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। पीएमएफएमई योजनांतर्गत उद्यानिकी विभाग से हितग्राही को सहायता राशि मिली है।

मार्केटिंग उपलब्ध कराने के निर्देश
कलेक्टर श्री सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों के समूह बनाकर प्राकृतिक रूप से खेती कराये, जिससे उन्हें उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा, साथ ही मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध कराये।

प्राकृतिक खेती है लाभदायक
इस दौरान कलेक्टर ने किसानों से जैविक खेती से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त की। किसानों ने बताया कि, जैविक खेती करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है और उसकी उर्वरता भी बढ़ती है। किसानों ने बताया कि, इससे उत्पादित फसलें स्वास्थ्यवर्धक होती हैं, उनमें पोषण होता है। साथ ही जैविक खेती में लागत व्यय भी कम लगता है।

ग्रामीणजनों की सुनी समस्याएं
बारिश के बीच कलेक्टर श्री सिंह ने ग्राम दैय्यत पहुंचकर ग्रामीणजनों की समस्याओं को सुना और उनकी समस्याओं के समाधान हेतु आश्वस्त भी किया। इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने स्व सहायता समूह की महिलाओं से संवाद किया तथा उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर ने ग्रामीणजनों से पीएम आवास, पीएम सम्मान निधि, राशन वितरण ईत्यादि विभिन्न योजनाओं के लाभ के बारे में भी जानकारी ली।
उपसंचालक कृषि ने जानकारी देते हुए बताया कि, दैय्यत ग्राम में करीबन 70 से 80 किसान जैविक खेती कर रहे है। जिले में लगभग 650 हेक्टेयर रकबा जैविक खेती का है वहीं 1500 से अधिक किसान इस ओर अग्रसर है। भ्रमण के दौरान एसडीएम नेपानगर श्री भागीरथ वाखला, उपसंचालक कृषि श्री एम.एस.देवके, उपसंचालक उद्यानिकी श्री चौहान सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।

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