
अलीगढ़
यह सफलता की कहानी फहमीना मुईन की है। जो प्राथमिक विद्यालय नगला पटवारी, ब्लॉक जवा, अलीगढ़ में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। अपने नवाचारों और सामुदायिक सहयोग से उन्होंने विद्यालय की तस्वीर बदल दी है। फहमीना मुईन ने बच्चों की शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, अभिभावक सहभागिता और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिये कई अनोखे प्रयास किये हैं। इको क्लब की गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को बेकार पॉलिथीन, प्लास्टिक बोतलें, फलों के कवर और खाने-पीने की वस्तुओं के रैपर का रचनात्मक उपयोग सिखाकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनाया गया। नवीन शिक्षण पद्धति के तहत लोगोग्राफिक पठन और बहुविषयी शिक्षण को अपनाकर हिन्दी, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान को रोचक और व्यवहारिक तरीके से पढ़ाया गया। विद्यालय में 100% यूनिफॉर्म अभियान सफलतापूर्वक चलाया गया। जिससे सभी बच्चे निर्धारित यूनिफॉर्म में उपस्थित होने लगे। बच्चों को खेल-खेल में विज्ञान की शिक्षा दी गई जहाँ घरेलू वस्तुओं का उपयोग करके गर्म-ठंडा, हल्का-भारी जैसे सिद्धांत सरलता से समझाए गये। अभिभावकों की सहभागिता बढ़ाने के लिए नियमित बैठकों में “I Love Mom”, “Star Mother” और “Super Mother” जैसे प्रोत्साहन टैग दिये गये, जिससे विद्यालय के प्रति उनका विश्वास मजबूत हुआ।
इन प्रयासों के परिणाम स्वरूप बच्चों की रचनात्मकता, आत्मविश्वास, उपस्थिति और शैक्षिक गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। आज यह विद्यालय अपनी उत्कृष्टता के लिये आसपास के प्राइवेट स्कूलों से भी आगे है। फहमीना मुईन के इन नवाचारों को जिलाधिकारी, बीएसए, मंडलायुक्त, मुख्यमंत्री कार्यक्रम और अलीगढ़ महोत्सव जैसे कई मंचों पर सम्मानित किया गया। उन्हें निपुण भारत कार्यक्रम, टीएलएम मेले, पपेट्री, आर्ट एंड क्राफ्ट, कहानी लेखन और गुड़िया लघु फिल्म के लिये राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली।
फहमीना मुईन ने सीमित संसाधनों में खेल-खेल में शिक्षा, शून्य लागत पर टीएलएम निर्माण और नवाचार आधारित शिक्षण अपनाकर सरकारी विद्यालय की छवि को एक नई ऊँचाई दी है। आज प्राथमिक विद्यालय नगला पटवारी उनके नेतृत्व में उत्कृष्टता और नवाचार का प्रेरणादायक उदाहरण बन चुका है।