logo

बांसवाड़ा की सोने की खदान पर ब्रेक: नई नीलामी की तैयारी


AABHUSHAN WORLD News:
विशेष सम्वाददाता: भारत में सोने के घरेलू उत्पादन को लेकर बड़ी उम्मीदों पर फिलहाल पानी फिर गया है। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की भूखिया-जगपुरा गोल्ड माइन, जिसे मई 2024 में नीलाम किया गया था, उसका टेंडर सरकार ने निरस्त कर दिया है। खान विभाग ने यह फैसला कंपनी और ठेका लेने वाले व्यक्ति के खिलाफ आई शिकायतों की जांच के बाद लिया। अब विभाग इस खदान की नई नीलामी नवंबर–दिसंबर 2025 तक कराने की तैयारी में है।

इस खदान का दायरा लगभग 9.43 वर्ग किलोमीटर में फैला है और भू-वैज्ञानिकों के अनुसार यहां करीब 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क मौजूद है, जिसमें से लगभग 222.39 टन सोना निकलने की संभावना जताई गई है। यही नहीं, खनन से सोने के साथ अन्य महत्वपूर्ण खनिज भी निकलेंगे, जिनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, बैटरी और पेट्रोकेमिकल उद्योगों में किया जा सकता है। इससे क्षेत्र में निवेश और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं।

पहली नीलामी में चार कंपनियाँ दौड़ में थीं—हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड, हिंदुस्तान जिंक, रामगढ़ मिनरल्स एंड माइनिंग लिमिटेड और सैयद ओवेश अली की कंपनी। लेकिन बोली प्रक्रिया में नेटवर्थ, आईटीआर और पात्रता से जुड़ी गड़बड़ियों के चलते नीलामी को अमान्य घोषित कर दिया गया। अब सरकार पारदर्शिता के साथ दोबारा बिडिंग कराएगी।

गौरतलब है कि भारत अपनी सोने की ज़रूरतों का 80% से अधिक हिस्सा आयात करता है। ऐसे में बांसवाड़ा जैसी परियोजनाएँ यदि सफल होती हैं, तो यह देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता और ज्वैलरी सेक्टर दोनों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। नई नीलामी के बाद उद्योग जगत और निवेशकों की नज़र इस परियोजना पर टिकी रहेगी।

88
1340 views