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दमोह जिले के सिंग्रामपुर में अंतिम यात्रा के लिए भी संघर्ष, घुटनों तक नाले के पानी पार कर ले जा रहे शव यात्रा शमशान तक जाने के लिए पिछले साल करोड़ों की लागत से सड़क डेम तक बनाने की हुई थी बात लेकिन कार्य कागजों तक ही सिमटा

//सिंग्रामपुर///
एमपी के दमोह जिले की जनपद पंचायत जबेरा के ग्राम सिंग्रामपुर में अंतिम संस्कार के लिए गांव के लोग घुटनों तक भरे नाले को पार कर रहे है क्योंकि श्मशान घाट तक जाने के लिए रास्ता नही है इसके बाद सरकार के ग्रामीण विकास के दावों पर सवाल उठ रहे हैं। सिंग्रामपुर जहां श्मशान घाट तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है। बरसात में ग्राम में किसी की मौत हो जाती है तो अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाने में मुश्किलें बढ़ जाती हैं। और लोगों को नाले को पार करके अंत्येष्टि को जाना पड़ता है सिंग्रामपुर ग्राम में कुछ ऐसी ही स्थिति बनी है। बारिश के दिनों में लोग नाले में घुटनो पानी को पार कर शमशान घाट तक जाते हैं और अपनों का अंतिम संस्कार करते हैं। आज सिंग्रामपुर ग्राम में लोगों को कुछ ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा है।
दरअसल, दमोह जिले की जंप जबेरा के सिंग्रामपुर ग्राम जबेरा विधानसभा क्षेत्र में आता है। आज सिंग्रामपुर निवासी सचिन साहू 35 की वर्षीय मौत हो गई है। वारिश के चलते श्मशान घाट के रास्ते में एक नाला पड़ता है। बारिश की वजह से नाले घुटनों तक पानी था। ग्राम के लोग पार्थिव शरीर को लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकले। इस दौरान घुटनो तक पानी होने पर नाले में कुछ लोग गिरते उठते नाला को पार किया तब कही जाकर पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार हुआ स्थानीय जनपद प्रतिनिधि दीपक यादव सहित ग्रामीणों कहना है की 60 वर्षो में श्मशान घाट तक पहुंचने के लिए यहां पर रास्ता तक नहीं बना है और नाले पर स्टाप डेम कम रपटा का निर्माण नहीं हुआ है जबकि ग्राम की आधी आबादी के लोग इस श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए जाते हैं वहीं सैकड़ो किसानों का खेतिहर भूमि तक पहुंचाने
उन्होंने बताया 1 साल पूर्व भी मीडिया के माध्यम से शमशान घाट की खबर लगाई गई थी प्रशासन द्वारा महीने भर के बीच में नापतोलकर करोड़ों रुपए की सीसी से लेकर डेम बनाने की बात की गई थी यहां तक की उच्च अधिकारी रूपरेखा बनाकर चले गए थे लेकिन सिर्फ वह कागजों तक सीमित रह गई है माननीय मंत्री जी के क्षेत्र में यह स्थिति दुर्लभ बनी हुई है।

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