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“मानवता की मूर्ति स्व. रामपाल जैन को शोकसभा में नेताओं और आमजन ने दी अंतिम श्रद्धांजलि”

खतौली। समाज सेवा को ही जीवन का लक्ष्य मानने वाले, हर दुखी-पीड़ित इंसान के साथी और मानवता की मिसाल रहे समाजसेवी स्वर्गीय रामपाल जैन को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी गई। जैसे ही उनके निधन की खबर फैली, पूरा खतौली ही नहीं बल्कि जनपद मुज़फ्फरनगर और आसपास के जिलों से भी लोग उन्हें अंतिम नमन करने पहुंचे। शोकसभा में उमड़े जनसैलाब ने इस बात को सिद्ध कर दिया कि स्व. जैन न केवल खतौली की शान थे, बल्कि समूचे क्षेत्र की धरोहर थे। श्रद्धांजलि सभा का वातावरण गमगीन और भावुक था। हर आंख नम थी, हर दिल संवेदना से भरा हुआ। लोग उन्हें केवल उनके नाम या पद से नहीं, बल्कि उनकी निस्वार्थ सेवा, करुणा और समाजहितकारी कार्यों के लिए याद कर रहे थे। उनका जीवन इस बात की मिसाल रहा कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं। स्व. रामपाल जैन ने अपने जीवनकाल में गरीब, असहाय और लावारिस लोगों की सेवा को अपना संकल्प बना लिया था। विशेषकर लावारिस मृतकों का पूरे विधि-विधान और मानवीय गरिमा के साथ अंतिम संस्कार कराना उनका आजीवन संकल्प रहा। उन्होंने जिस कार्य को समाज ने असंभव और कठिन माना, उसे अपने जीवन का कर्तव्य बना लिया। यही कार्य उनकी सबसे बड़ी पहचान और विरासत बन गया। उनके पुत्र, भाजपा के वरिष्ठ नेता वैभव जैन ने इस सेवा भावना को आगे बढ़ाते हुए अब तक सैकड़ों निर्धन एवं लावारिस व्यक्तियों का अंतिम संस्कार कराया है। यह उनके पिता की दी हुई प्रेरणा और संस्कार ही हैं, जिन्होंने इस परिवार को समाज के लिए अनुकरणीय बना दिया है। श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सांसद एवं सपा नेता हरेंद्र मलिक ने वैभव जैन को ढांढस बंधाते हुए कहा कि वे हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े रहेंगे और उनकी सामाजिक सेवाओं में सहयोग देंगे। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता गौरव स्वरूप ने कहा कि स्व. रामपाल जैन समाज की अमूल्य धरोहर थे, जिनकी रिक्तता लंबे समय तक पूरी नहीं की जा सकेगी। विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी ललित महेश्वरी ने उनके साथ बिताए संस्मरण साझा करते हुए भावुक हो उठे और कहा कि उनका जाना खतौली ही नहीं, पूरे जनपद की अपूरणीय क्षति है। इसी प्रकार, नगर पालिका मुज़फ्फरनगर के सभासद विकल्प जैन सहित दर्जनभर सभासदों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि रामपाल जैन का जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चा धर्म केवल मानवता की सेवा है। सभा में उमड़ी अपार भीड़ और हर किसी की आँखों से बहे आँसुओं ने यह साबित कर दिया कि स्व. रामपाल जैन का जीवन वास्तव में समाज और मानवता के लिए समर्पित था। उनकी कर्मभूमि और उनकी सेवा भावना की गूंज आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। आज खतौली और पूरा मुज़फ्फरनगर उनके निधन से शोकाकुल है, लेकिन साथ ही गर्व भी करता है कि उसे रामपाल जैन जैसा समाजसेवी सपूत मिला। निःस्वार्थ सेवा, विनम्रता और त्याग का जो उदाहरण उन्होंने प्रस्तुत किया, वह आने वाले वर्षों तक लोगों के हृदय में जीवित रहेगा।

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