
नंगाल बांधकर गांव के चारों खुट देवताओं से गांववासियों व पशुओं को सुरक्षित निरोगी रखने की कामना की
भीलवाड़ा 31अगस्त (सोराज सिंह चौहान)
भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया पंचायत समिति क्षेत्र के माल का खेड़ा गांव में 31 अगस्त रविवार को नंगाल बांधकर समस्त गांव के महिला, पुरुष, बाल बच्चों, सहित पालतू पशुओं (भैड,बकरी,गाय,भैंस ) को नंगाल के निचे ढ़ोल के ढमके के साथ गांव के चारों खुड में विराजित देवी देवताओं स्थानक से जोत लाकर सभी को निरोगी रखने की एवं गांव में खुशहाली रखना की कामना की।*
*ग्रामीणों का कहना कि हर वर्ष भाद्रपद महीने में समस्त ग्राम वासियों के सामुहिक सहयोग से गांव में नदी से कांस नाम की घास लाकर नंगाल बनाई जाती है। जिसको निर्धारित जगह पर बांधकर उसके नीचे पशुओं को निकाला जाता है और पशुओं को निकालते समय गोमूत्र ,गाय का कच्चा दूध से निर्मित खोरन के छीड़कर ढोल नगाड़ों के साथ सभी पालतू पशु गाय, भैंस, भेड़ बकरी इत्यादि जानवरों के साथ समस्त ग्रामीण नंगाल के नीचे निकलते हैं । नंगाल के नीचे निकलते समय गांव के चारों खुट पर विराजित देवी देवताओं के यहां से रात्रि 4:00 बजे उठकर ज्योत लाई जाती है और समस्त ग्रामीण एवं पशुओं को सुरक्षित रखने, निरोगी रखने एवं गांव में खुशी बनाए रखने की कामना की जाती है । सभी ग्रामीण खोरन को अपने-अपने घरों में ले जाते हैं । सभी घरों एवं बाड़ो पर भी छिड़काव करते हैं। ताकि समस्त प्रकार के रोग दोग खत्म हो जाए। दिन में सामूहिक सहयोग से चुरमा का प्रसाद बनाकर गांव में विराजित समस्त देवी देवताओं के लड्डू बाटी का भोग लगाया जाता है। यह परंपरा बरसों से चली आ रही है। सभी ग्रामीण इसमें सहर्ष भाग लेते हैं।इस दिन पूरे गांव में त्यौहार की भांति जस्न देखने को मिलता है। यह परंपरा सैकड़ो वर्षों से चलती आ रही है, जो अभी भी बरकरार है। ग्रामीणों का नांगल बांधने के पीछे मान्यता है कि नंगाल के नीचे पशुओं एवं परिजनों को निकालने से समस्त प्रकार के रोग दोग नष्ट हो जाते हैं और भविष्य में भी पूरे साल गांव में किसी भी प्रकार की बीमारी पशुओं एवं परिजनों पर नहीं आती है । गांव के समस्त देवी देवताओं का आशीर्वाद ग्रामीणों पर बना रहता है।इसी धारणा को मानकर हर वर्ष भाद्रपद महीने में गाजे बाजे के साथ नंगाल बांधकर पालतू पशुओं एवं परिजनों को सुबह 6:00 बजे से ही नंगाल के नीचे निकाला जाता है। इस परंपरा को सभी ग्रामवासी मानते हैं । सामूहिक सहयोग से कार्य कर हर वर्ष पूरा करते हैं।*