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कोयंबटूर भादवा मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब 🌟 दक्षिण भारत का विख्यात बाबा रामदेव मंदिर भक्ति और उल्लास का बना केंद्र

🌟 कोयंबटूर भादवा मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब 🌟

दक्षिण भारत का विख्यात बाबा रामदेव मंदिर भक्ति और उल्लास का केंद्र बना

कोयम्बटूर (कॉटन सिटी) / मनावर/इंदौर/तमिलनाडु।
कोयंबटूर के हृदय स्थल एडीयार स्ट्रीट स्थित श्री बाबा रामदेव सेवा संघ रामदेव मंदिर भवन में आयोजित उन्नीसवां भादवा मेला महोत्सव भक्ति, संगीत और श्रद्धा के अद्भुत संगम का प्रतीक बन गया। राजस्थान की धरती पर जन्मे जन-जन के आराध्य बाबा रामदेवजी महाराज के जयकारों से पूरा मंदिर प्रांगण गूंज उठा।

25 अगस्त से आरंभ हुआ यह भव्य आयोजन 1 सितंबर तक चलेगा। दक्षिण भारत के सबसे ऊँचे शिखर वाले इस मंदिर में भक्ति की लहर और श्रद्धा का समुद्र उमड़ पड़ा है।
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🎶 भजन संध्या और सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम

मंदिर प्रांगण में प्रतिदिन पूजा-अर्चना और आरती के पश्चात भजन संध्या का आयोजन हो रहा है।
संघ के अध्यक्ष रणजीतसिंह राठौड़ ने बताया कि महिलाओं के लिए समय शाम 6:30 से रात 9 बजे तक और पुरुषों के लिए रात 9:15 से 11:30 तक निर्धारित किया गया है।
संघ के सचिव छैलसिंह जोधा ने कहा कि भक्ति संगीत की प्रस्तुतियां राजस्थान के प्रख्यात कलाकारों—पारस वेष्णव, संगीता डांगी, श्याम पालीवाल, कविता रावना, पुखराज सिंह राजपुरोहित, चुन्नीलाल राजपुरोहित आदि द्वारा दी जा रही हैं।

महिलाओं के नृत्य, कलाकारों की मनमोहक भक्ति प्रस्तुतियां और बाबा के जयकारों से पूरा हॉल गूंज उठा।
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🚩 वरघोड़ा यात्रा का अद्भुत नजारा

30 अगस्त शनिवार सुबह 8 बजे वरघोड़ा यात्रा का आयोजन हुआ। लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी यह यात्रा भव्य झांकियों और जयकारों के साथ एक आध्यात्मिक उत्सव में बदल गई। भक्तों की भारी भीड़ ने आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
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🍛 महाप्रसादी और विद्यार्थियों का सम्मान

कोषाध्यक्ष जोधसिंह राजपुरोहित ने बताया कि प्रतिदिन भजन संध्या के बाद भक्तों को प्रभावना स्वरूप प्रसाद वितरित किया जा रहा है।
मंदिर परिसर में 30 सितंबर को 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024-25 में 85% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया जाएगा।
संघ के सदस्य शैतानसिंह चारण ने कहा कि 28 से 30 अगस्त तक वार्षिक चढ़ावे की बोलियां होंगी और 7 सितंबर को राजस्थानी संघ में महाप्रसादी का आयोजन होगा।
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🙏 सेवा भावना से सराबोर कार्यकारिणी

मेला आयोजन को सफल बनाने में दिनेशसिंह, निंबूसिंह, श्रवण कुमार जाट, उत्तमसिंह, गोपालसिंह, रतनसिंह, राजूसिंह, चमनाराम पटेल, हीराराम, रमेश पटेल, लक्ष्मण, भेराराम, स्वरूप, शंकरसिंह, मदनलाल सहित समस्त कार्यकारिणी का अमूल्य योगदान रहा।

📢 यह भादवा मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि समाजिक एकता, संस्कृति और सेवा भावना का जीवंत उदाहरण भी है।

📝 रिपोर्ट: दुर्गाराम पंवार, कोयंबटूर (तमिलनाडु) चेतबंदे पत्रिका सह सम्पादक

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