
दो से तीन दिन से हजारों आदिवासी युवा सड़क पर बैठे हुए है जिसमें विधायक महोदय तीन सांसद, दो प्रत्याशी पहुंचे पर अब तक fir नहीं की गई
RI का कुत्ता इस सिस्टम में इतना ताकतवर है कि इसकी देखभाल के लिए 2 पुलिस जवान तैनात थे...
इसके गुमने पर कॉन्स्टेबल राहुल चौहान को इसी कुत्ते के कांटेदार बेल्ट से पीटा गया....
राहुल चौहान की FIR भी नहीं लिखी गई, डॉक्टर के पास जब MLC हेतु पहुंचे तो डॉक्टर ने MLC में चोटों का उल्लेख नहीं किया..
जब फरियाद लेकर SP के पास पहुंचे तो उल्टा पीड़ित कॉन्स्टेबल से ही माफीनामा लिखने हेतु कहा गया...
2 दिनों से हजारों आदिवासी युवा सड़क पर बैठे है कि आरोपी पति पत्नी पर FIR लिखी जाये,3 विधाययक,2 सांसद प्रत्याशी पहुंचे तो भी नतीजा सिफर रहा...
कहने को यह आदिवासी बहुल schedule area है जहाँ से भाजपा के लोकसभा सांसद हैं एक राज्यसभा सांसद हैं, इसी क्षेत्र से राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी हैं, लेकिन सब मिलकर भी RI पर FIR नहीं करवा पाए...
कहने को राष्ट्रपति, राज्यपाल आदिवासी समुदाय से हैं, DGP वंचित दलित समुदाय से है जिले के SP आदिवासी समुदाय से हैं फिर भी आपका शोषण हो रहा है ,आखिर क्यों...
यह घटना आज समाज के बीच असमानता जातिगत भेदभाव की जमीनी सच्चाई बयान करती है।
आज भी आप सिस्टम के सामने बौने हो..
कारण है कि-चुनाव के वक्त यह अपमान जिल्लत भूलकर हमारे ही लोग साथ खड़े हो जाते हैं,कुछ पैसों के लिए वोट कटुवा बन जाते हैं..आपने उस पैसों से स्कार्पियो फार्च्यूनर वोलेरो तो खरीद ली लेकिन आत्मसम्मान खो दिया, अब सिस्टम में आपका जो इकबाल था,आपका जो ख़ौफ़ था वह खत्म हो गया