ग्राम प्रधान की जाति वादी मानशिकता दलितों के घर के सामने कीचड़ के विरोध में .
कीचड़ और गंदगी से होकर स्कूल जाते हैं बच्चे गंजडुंडवारा नगर से बदायूं जाने वाले हाईवे मार्ग पर गंगा किनारे बसा मुगलकालीन कादरगंज की हालात बद हाल है। गांव की मुख्य सड़क पर जल भरा है। कीचड़ व गंदा पानी जमा होने के कारण ग्रामीण तथा स्कूली बच्चों को काफी मुसीबतें झेलनी पड़ रही है। स्कूली बच्चे ऐसी गंदगी से होकर विद्यालय जाने को मजबूर है। कादरगंज देहात का बड़ा गांव है। यह पवित्र गंगा तट पर बसा हुआ है। इसकी आबादी करीब 7000 है। इसमें सभी समुदाय के लोग रहते हैं। लेकिन गांव के हालात अत्यंत खराब है। गांव में बनी नालियों के नियमित सफाई न होने से उनसे पानी निकाल कर बाहर बह रहा है। यह गंदा पानी उच्च प्राथमिक विद्यालय के नजदीक भरा हुआ है। जिस विद्यालय जाने वाले छात्रों को किसी गंदगी से होकर निकलना पड़ता है प्रतिदिन।यहीं पर देहात के दो बड़े बाजार मंगलवार और शनिवार को लगाते हैं। मगर बाहर से आने वाले लोगों को इसी गंदगी से गुजरना पड़ता है। संचारी रोग अभियान भी गत मा चलाया गया तब भी यहां की गंदगी खत्म नहीं हुई। गांव में मच्छरों अधिकारी बड़ा प्रकोप है। ग्रामीण ओंकार सिंह का कहना है गांव की मुख्य सड़क उच्च प्राथमिक विद्यालय के करीब ही जल भराव और कीचड़ है इसमें स्कूल के बच्चे निकलते हैं और कीचड़ में फिसल कर गिर जाते हैं। कई बार पंचायत के जिम्मेदार लोगों से इसकी शिकायत की लेकिन किसी ने नहीं ध्यान दिया। थोड़ी सी बारिश हो जाए तो यहां पर तालाब का रूप दिखाई देता। ग्रामीण सुमित कुमार का कहना है। कि गांव में गंदगी के बाद सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। नालिया चौंक पड़ी हुई है। उनसे निकला गंदा पानी सड़कों पर बड़ा है वर्षा होने पर हालात और खराब हो जाते हैं। ग्रामीण राकेश का कहना है इस मार्ग पर करीब 100 मी नाली खरंजा जर्जर हरत में है। नाली टूटी है बंद है घरों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। सफाई कर्मचारी यहां कोई है ही नहीं।