
श्योपुर ,बड़ौदा में अवैध पैथोलॉजी लैब की बाढ़,मरीज के साथ बनी हुई जान जोखिम में
👉श्योपुर बड़ौदा में अवैध पैथोलॉजी लैब की बाढ
➡️ मरीजों के साथ बनी हुई है जान जोखिम में,
➡️पैथोलॉजी लेब टेक्नीशियन का कहना की रुपए प्रति माह देते हैं।
➡️श्योपुर में ही वैध तीन पैथोलॉजी लैब आस्था, जीवन ज्योति, श्योपुर ,नाम की संचालित है।
✍️श्योपुर। जिले में अवैध पैथोलॉजी लैब की बाढ़ सी आ गई है। कलेक्शन सेंटर की आड़ में धड़ल्ले से अवैध पैथोलॉजी लैब का संचालन किया जा रहा है। इन पर कार्रवाई तो दूर इनकी जांच तक नहीं हो रही है। देखा जाए तो जांच के इस खेल में श्योपुर के नागरिकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। उनकी जान को जोखिम में डाला जा रहा है। कई मामले ऐसे सामने आ चुके हैं जिनमें जांच रिपोर्ट सवालों के दायरे में आई थीं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुम्भकर्णी नींद में सोये हुए हैं।या फिर सांठ-गांठ में लिप्त है
श्योपुर में ही स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे जगह-जगह पैथोलॉजी लैब खोल ली गई हैं और इनकी संख्या में तेजी से इजाफा भी होता जा रहा है। कई लैब में तो डॉक्टर व टेक्निशियन नहीं है। नौसिखिए लोगों से जाँच करवाई जा रही है। गलत जाँच रिपोर्ट दी जा रही है। डॉक्टर जाँच रिपोर्ट के आधार पर ही तो मरीजों का इलाज करेंगे। जब जाँच रिपोर्ट ही गलत होगी तो इलाज सही कैसे होगा। यही कारण है कि लोग अक्सर अपने बीमारी के इलाज के लिए राजस्थान के कोटा बारां जिले में जाना पसंद करते है।
बिना रजिस्ट्रेशन व अधिकृत मान्यता न होने के बावजूद संचालित हो रहीं पैथोलॉजी लैबों की जानकारी होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। लैब के पास पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का रजिस्ट्रेशन, पंजीकृत मेडिकल वेस्ट सर्विस से एग्रीमेंट, सीएमएचओ ऑफिस का रजिस्ट्रेशन, नगर पालिका का अनुमति पत्र व गुमाश्ता लायसेंस, फायर सेफ्टी उपकरण, दुकान का किरायानामा होना आवश्यक है । अधिकतर लैबों में उक्त डाक्यूमेंट्स है ही नहीं।
क्या है नियम:
प्राइवेट लैब की देखरेख का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग का है. निजी प्रयोगशालाओं को संचालित करने के लिए, उन्हें स्वास्थ्य विभाग से मान्यता और लाइसेंस प्राप्त करना होता है। नर्सिंग होम एक्ट का पालन करना जरूरी होता है. समय-समय पर इन सभी पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण भी जरूरी है।
यदि पैथोलॉजी लैब स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार सही तरीके से उचित मानकों का प्रयोग करेगी तो लोगों को सही इलाज मिलेगा। प्रशासन को चाहिए कि सभी लैब की निष्पक्ष रूप से जांच कराई जाए। अवैध पैथोलॉजी पर उचित कार्रवाई की जाये ताकि अवैध व बिना पंजीयन के चल रहे इस कारोबार को रोका जाए। अब देखना यह होगा कि क्या स्वास्थ्य विभाग हमारी खबरों के प्रकाशन के बाद इनकी जाँच कर अवैध पैथोलॉजी लैब पर क्या कार्रवाई करता है या फिर जाँच के नाम पर लीपापोती कर दी जाएगी।
दैनिक वर्तमान क्रांति समाचार-पत्र लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को लगातार प्रकाशित कर रहा है। हमारी मुहिम तब तक जारी रहेगी जब तक लोगों की सही जाँच और उनका सही इलाज नहीं होगा। हमारा उद्देश्य अवैध अस्पतालों और अवैथ पैथोलॉजी, और जाँच केंद्रों पर कार्रवाई करवाना है। श्योपुर बड़ौदा कस्बे के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिले बस इस पर फोकस है।