
पैकोलिया_कांड-२
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इसी थाने में कुछ माह पूर्व 14 वर्षीय मासूम सृद्धि श्रीवास्तव की चाकू से गोदकर ह***त्या हुई थी और आज एक महिला को अधमरा करके छोड़ा गया।
#पैकोलिया_कांड-२
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इसी थाने में कुछ माह पूर्व 14 वर्षीय मासूम सृद्धि श्रीवास्तव की चाकू से गोदकर ह***त्या हुई थी और आज एक महिला को अधमरा करके छोड़ा गया।
वो महिला जिसके बारे में ग्रामीण बताते हैं कि उसके पति लोहिया अस्पताल लखनऊ में जिंदगी मौत के बीच मे जूझ रहे हैं घर पे दिहाड़ी मजदूरी कर कमाने वाला एक लड़का जो जब से पिता की हालत खराब हुई है तब से घर पर है,
1 लड़का जो नाबालिक है और एक बिटिया जो ब्याह योग्य है।
घर की माली हालत और घर के मुखिया ये हालात देख माँ कुछ दिनों से मानसिक रूप से ठीक नही चल रही,
ग्रामीण बताते हैं- कल रात 2-3 बजे के आसपास गांव से सटे गांव पहुंच गई जहां लोगों ने पकड़ा और मारा उसने अपना नाम बताया उसके बाद खूंटे में बांधकर मारे।
भोर गांव वाले बेहोशी के हालात में घर लाते हैं और 7 बजे सुबह लेकर थाने पहुंच जाते हैं।
गांव वालों के बड़ी मशक्कत के बाद गौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मेडिकल के लिए जाते हैं जहां डॉक्टर जिला अस्पताल रेफर कर देते हैं,
परिजन बताते हैं थाने वाले अगले दिन जिला अस्पताल ले जाने के लिए इसलिए बोलते हैं कि आज फोर्स नही है,
अचानक रात में तबियत बिगड़ जाती है और गांव वाले खटिया पे लाद भागते हैं और राह में 108 के सहारे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हर्रैया पहुंचाते हैं।
हर्रैया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल बस्ती रेफर कर दिया।
सोचिए
जब गांव वाले एक हैं तब हल्का मुकदमा दर्ज होता हैं कहीं सब अलग अलग होते तब क्या होता?
कोई काम आने वाला नही था जब वो हर प्रयास करके हार गए हैं तब उन्होंने खुद को अपना नेतृत्वकर्ता समझा।
अपनी लड़ाई खुद लड़ी जाती है लोग लाभ देख ही मदद को आते हैं।।जय राष्ट्र