
बांका में आधार कार्ड फर्जीवाड़े का भंडाफोड़
बांका में आधार कार्ड फर्जीवाड़े का भंडाफोड़, दो आरोपी हिरासत में – बड़े नेटवर्क के उजागर होने की आशंका
बांका (बिहार)। बांका जिले के धोरैया प्रखंड अंतर्गत कुर्मा हाट स्थित असलम सीएससी सेंटर पर मंगलवार को प्रशासनिक टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आधार कार्ड फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया। बीडीओ अरविंद कुमार के नेतृत्व में हुई इस छापेमारी में भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, आधार बनाने के उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए। मौके से दो लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा
प्रशासन को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि कुर्मा हाट क्षेत्र के एक सीएससी सेंटर से आधार कार्ड बनाने में धांधली की जा रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि 2 से 4 हजार रुपए तक वसूल कर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और अन्य नकली कागजात के आधार पर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस धांधली के जरिए वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन समेत कई सरकारी योजनाओं का अवैध लाभ उठाया जा रहा था।
इसी सूचना के आधार पर बीडीओ अरविंद कुमार के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। जांच के दौरान वहां से आधार नामांकन मशीन, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, बायोमेट्रिक उपकरण, बड़ी संख्या में आवेदन फॉर्म और पहले से बने आधार कार्ड बरामद किए गए।
झारखंड की आईडी से हो रहा था खेल
छानबीन में यह चौंकाने वाली बात सामने आई कि झारखंड के Registrar 0815 Education Department Ranchi की आईडी का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से आधार बनाए जा रहे थे। यह भी आरोप है कि इस पूरे खेल में झारखंड की MKS कंपनी और उससे जुड़ी एजेंसियों की मिलीभगत हो सकती है।
जानकारी के अनुसार, हाल ही में इस कंपनी को पटना की एक स्थाई एजेंसी के जरिए आधार बनाने का ठेका मिला है और यह कई राज्यों में आधार कार्य कर रही है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ही इस तरह का फर्जीवाड़ा संभव हो पाया।
इलाके में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद इलाके के अन्य साइबर कैफे और ऑनलाइन दुकानों में हड़कंप मच गया है। लोग आशंका जता रहे हैं कि यह नेटवर्क सिर्फ बांका ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों तक फैला हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई महीनों से अवैध तरीके से आधार बनवाने का धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा था, जिससे न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंच रहा था, बल्कि कई अयोग्य लोग योजनाओं का लाभ उठा रहे थे।
प्रशासन ने दिए कड़े संकेत
बीडीओ अरविंद कुमार ने बताया कि बरामद सभी दस्तावेजों और उपकरणों की जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया यह मामला बड़े फर्जीवाड़े का प्रतीत हो रहा है। इसमें शामिल सभी लोगों की पहचान की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अब बड़ा खुलासा संभव
प्रशासन का मानना है कि यह केवल एक सेंटर तक सीमित मामला नहीं है, बल्कि इसके तार कई जिलों और राज्यों से जुड़े हो सकते हैं। यदि जांच गहराई से हुई तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और एजेंसी-प्रशासनिक मिलीभगत का खुलासा हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि सरकार और UIDAI जैसी एजेंसियां इस पर क्या कदम उठाती हैं और फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए किस तरह की सख्ती करती हैं।