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उदया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा.

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 25 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर हो रही है, जिसका समापन 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर होगा. उदिया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा.

पूजा के लिए गीली मिट्टी और रेत, केले के पत्ते, विभिन्न प्रकार के फल-फूल, बेलपत्र, शमी पत्र, धतूरा, आंक का फूल, मंजरी, जनेऊ, नाड़ा, वस्त्र, माता गौरी के लिए सुहाग का पूरा सामान, दीपक, कपूर, चंदन, सिंदूर, कुमकुम, कलश, पंचामृत आदि आवश्यक होते हैं।

पौराणिक कथा और महत्व
पौराणिक कथा अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उसी तप से हरतालिका व्रत की शुरुआत हुई। कहते हैं कि उस समय पार्वती की सहेलियों ने उन्हें अगवा कर लिया था। अटल संकल्प से शिवजी को पति रूप में प्राप्त कर सकीं। तभी से यह व्रत सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं भी अच्छे और योग्य वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। कोई भी महिला इस वृत को कर सकती है।
जयप्रकाश शुक्ला
8087263988

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