
नकली डिलीवरी बॉय और “Cancellation Code” वाला ठगी का नया खेल
नकली डिलीवरी बॉय और “Cancellation Code” वाला ठगी का नया खेल
आजकल साइबर अपराधी लोगों को लूटने के लिए नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। इनमें से एक नया तरीका है “Fake Delivery Scam”। इस ठगी में अपराधी खुद को डिलीवरी बॉय या कूरियर एजेंट बताकर आपके दरवाज़े पर आता है और कहता है –
“आपका पार्सल है।”
जब आप मना करते हैं कि आपने कोई ऑर्डर नहीं किया, तो वह कहता है –
“ठीक है, मैं इसे कैंसिल कर देता हूँ। एक कैंसिलेशन कोड आपके मोबाइल पर आएगा, आप मुझे बता दीजिए।”
असल में वह कोड कैंसिलेशन कोड नहीं, बल्कि आपके बैंक/UPI का OTP होता है।
और जैसे ही आप यह OTP उसे बता देते हैं, 2 मिनट में आपका पूरा अकाउंट साफ़ हो जाता है।
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यह स्कैम कैसे काम करता है?
1. अपराधी एक नकली डिलीवरी बॉय बनकर आपके घर आता है।
2. वह कहता है कि पार्सल कैंसिल करना है तो “कैंसिलेशन कोड” बताइए।
3. उसी समय आपके मोबाइल पर एक असली OTP आता है, जो किसी पेमेंट/UPI ट्रांज़ेक्शन से जुड़ा होता है।
4. आप अनजान होकर वो OTP दे देते हैं।
5. OTP डालते ही पैसा आपके खाते से उड़ा लिया जाता है।
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असली डिलीवरी और नकली डिलीवरी में फर्क
✅ असली डिलीवरी:
कंपनी के ऐप (Amazon, Flipkart आदि) में ही cancellation option होता है।
असली डिलीवरी बॉय कभी OTP नहीं मांगता, सिर्फ “Delivery Code” मांगता है, जो आपको order confirm करते वक्त ही दिया गया होता है।
अगर आपने order नहीं किया, तो सीधे “I don’t want this order” कहने पर वो पार्सल ले जाएगा, OTP या कोड नहीं मांगेगा।
❌ नकली डिलीवरी:
जबरदस्ती कहेगा कि “Cancellation Code दो।”
WhatsApp, फोन कॉल या SMS से कोड मांगता है।
दबाव डालता है कि “Code ना दिया तो charge लगेगा।”
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खुद को कैसे बचाएँ?
1. OTP, UPI PIN, CVV, ATM PIN कभी भी किसी को मत बताइए।
2. किसी डिलीवरी वाले को कैंसिलेशन के नाम पर कोई कोड न दें।
3. अगर आपने ऑर्डर नहीं किया तो बस कहिए –
“मैंने ऑर्डर नहीं किया, आप वापस ले जाइए।”
4. ऐसे नंबरों को तुरंत block करें।
5. अगर गलती से OTP दे दिया और पैसा चला गया →
तुरंत 1930 Cyber Helpline पर कॉल करें।
अपने बैंक को तुरंत सूचना दें।
www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
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अंतिम संदेश
आज के समय में ठग इतने चालाक हो गए हैं कि वो आपके दरवाज़े तक आकर आपको फंसा सकते हैं। याद रखिए, OTP सिर्फ आपके और आपके बैंक के बीच होता है।
डिलीवरी, कैंसिलेशन, रिफंड या किसी भी प्रोसेस के लिए कभी भी किसी तीसरे को OTP बताने की ज़रूरत नहीं होती।
👉 सतर्क रहिए, जागरूक रहिए और दूसरों को भी जागरूक कीजिए।
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✍️ लेखक – M Alam