
हरितालिका तीज: सौभाग्य और सुख-समृद्धि का पर्व..... _26 अगस्त को हरितालिका तीज का व्रत, बन रहे हैं कई शुभ योग
हरितालिका तीज 26 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन अखंड सौभाग्य की कामना के लिए सुहागिन महिलाएं यह व्रत रखेंगी। इस साल हरितालिका तीज पर हस्त नक्षत्र, साध्य योग, रवि योग, सिद्ध योग, शुभ योग, और गर करण के साथ ही लक्ष्मी योग का भी अद्भुत संयोग बन रहा है। वैशाली जिला अन्तर्गत भगवानपुर प्रखंड के वान्थु गाँव निवासी आचार्य सुजीत शास्त्री (मिट्ठू बाबा) ने बताया कि ऐसे शुभ योग में व्रत करने से सौभाग्य, सुख-समृद्धि, निरोग काया और पति की दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।
*व्रत का महत्व और पूजा विधि*
यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने सौभाग्य को बनाए रखने के लिए करती हैं, जबकि कुंवारी लड़कियां एक अच्छा जीवनसाथी पाने और सुखी दांपत्य जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा करती हैं और व्रत कथा सुनती हैं। माना जाता है कि इसी व्रत को करने के बाद माता पार्वती को भगवान शिव पति के रूप में मिले थे।
*हरितालिका तीज की पौराणिक कथा*
पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए हिमालय पर कठोर तपस्या की थी। इस दौरान उन्होंने अन्न और जल का त्याग कर दिया था। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हस्त नक्षत्र में, माता पार्वती ने बालुकामयी शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की और पूरी रात जागरण किया। उनकी इस कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
आचार्य सुजीत शास्त्री के अनुसार, यह व्रत तपस्या और निष्ठा का प्रतीक है। लिंग पुराण में बताया गया है कि जो महिलाएं इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करती हैं, उन्हें सात जन्मों तक भगवान शिव जैसे पति मिलते हैं।