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"लोकतंत्र में मतभेद स्वीकार्य, हिंसा नहीं" –मुख्यमंत्री पर हमला: अखिल भारतीय वैश्य महासंगठन ने जताई कड़ी आपत्ति

बुधवार सुबह दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर उनके सरकारी आवास, सिविल लाइंस में हुए हमले ने पूरे राष्ट्रीय स्तर पर हड़कंप मचा दिया। घटना उस समय घटी जब मुख्यमंत्री अपनी साप्ताहिक जन सुनवाई में लोगों की शिकायतें सुन रही थीं। अचानक एक व्यक्ति ने उन पर हमला कर दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम राजेश खिमजी, उम्र 41 वर्ष और निवास स्थान राजकोट, गुजरात बताया है। इस घटना के बाद राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। हमले की निंदा करते हुए अखिल भारतीय वैश्य महासंगठन, खतौली नगर के अध्यक्ष अभिषेक गोयल (एडवोकेट) ने कहा कि यह हमला अत्यंत दुखद और निंदनीय है। उन्होंने जोर देकर कहा, "लोकतांत्रिक व्यवस्था में विचारों का मतभेद और विरोध स्वीकार्य है, लेकिन हिंसा के लिए किसी भी स्थिति में कोई स्थान नहीं है। यह वही संदेश है जो हमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से मिला है।" अभिषेक गोयल ने आगे कहा कि यह घटना केवल मुख्यमंत्री के प्रति हमला नहीं है, बल्कि महिला सुरक्षा और समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर एक गंभीर चुनौती पेश करती है। उन्होंने कहा, "अगर राजधानी की मुख्यमंत्री ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी और आम महिला की सुरक्षा की कल्पना करना भी कठिन है। ऐसे हमले यह साबित करते हैं कि हमें महिला सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा दोनों पर और गंभीरता से विचार करना होगा।" दिल्ली पुलिस ने घटना के तुरंत बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है और शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार उसके पीछे की वजह और किसी संगठन से संबंध की जांच जारी है। पुलिस अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और मुख्यमंत्री की सुरक्षा को हर स्थिति में सुनिश्चित किया जाएगा। इस हमले के बाद राष्ट्रीय और राज्य स्तर के कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतभेद और विरोध की स्वतंत्रता होनी चाहिए, लेकिन किसी भी प्रकार की हिंसा लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है। अखिल भारतीय वैश्य महासंगठन के अभिषेक गोयल ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा, "हमें विश्वास है कि पुलिस और प्रशासन उचित कार्रवाई करेंगे और ऐसे हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेंगे।" विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना महिला सुरक्षा के मुद्दे को नई दिशा दे सकती है। राजधानी में सुरक्षा और निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता और बढ़ गई है। इस प्रकार यह हमला न केवल मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत सम्मान और सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि पूरे समाज के लिए महिला सुरक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों की गंभीर परीक्षा भी साबित होता है।

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