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ऑनलाइन मनी गेमिंग या उसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध का प्रस्ताव

संसद में 'ऑनलाइन गेमिंग (संवर्धन और विनियमन) विधेयक, 2025' पास हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करना और जुए से जुड़े वित्तीय जोखिमों को कम करना है। यह विधेयक देश में ऑनलाइन गेमिंग के भविष्य को एक नई दिशा देगा।


*रियल मनी गेम्स पर प्रतिबंध:* यह विधेयक उन सभी ऑनलाइन गेम्स को प्रतिबंधित करता है जिनमें पैसे दांव पर लगाए जाते हैं। इसमें जुए और सट्टेबाजी से जुड़े ऐप्स शामिल हैं, जिनका उद्देश्य लोगों से पैसे लेकर उन्हें जीतने की उम्मीद देना होता है।

*ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा: इस विधेयक में **ई-स्पोर्ट्स** (जैसे BGMI, Free Fire आदि) और **सोशल गेम्स** (जैसे लूडो, कैंडी क्रश) को बढ़ावा देने की बात कही गई है। ये ऐसे गेम हैं जो कौशल पर आधारित होते हैं, न कि भाग्य पर। सरकार का मानना है कि इससे भारत में एक स्वस्थ गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) का विकास होगा।

सख्त दंड का प्रावधान:** कानून का उल्लंघन करने वाले गेमिंग प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तियों के लिए कड़े दंड का प्रावधान है।

जो भी व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाएं देता है या उनका विज्ञापन करता है, उसे **3 साल तक की जेल** और **1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना** हो सकता है।

* बार-बार उल्लंघन करने पर सजा **5 साल तक** और जुर्माना **2 करोड़ रुपये** तक बढ़ सकता है।

* **युवाओं की सुरक्षा: सरकार ने इस विधेयक को लाने का मुख्य कारण युवाओं को ऑनलाइन जुए और उससे होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाना बताया है। पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण कई लोगों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।

**सरकार की पहल: यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग पर पहले से ही लगे **28% जीएसटी** और जीती गई रकम पर लगने वाले **30% टैक्स** के अतिरिक्त है, जो इस क्षेत्र को और भी ज्यादा विनियमित (regulate) करेगा।

यह नया कानून उन गेमिंग कंपनियों पर सीधा असर डालेगा जो भारत में रियल मनी गेम्स चलाती हैं। वहीं, यह ई-स्पोर्ट्स और क्रिएटिव गेमिंग उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर भी है, क्योंकि सरकार अब इस क्षेत्र को बढ़ावा देने पर ध्यान देगी। यह कदम देश में एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मनीष सिंह
शाहपुर पटोरी
@ManishSingh_PT

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