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*ऑपरेशन-सिंदूर: बेहतरीन काम करने पर बाड़मेर-SP को सेना प्रमुख सम्मान: बोले- हमने माहौल को भयमुक्त रखा, तय रणनीति के तहत काम किया*

*ऑपरेशन-सिंदूर: बेहतरीन काम करने पर बाड़मेर-SP को सेना प्रमुख सम्मान: बोले- हमने माहौल को भयमुक्त रखा, तय रणनीति के तहत काम किया*

*बाड़मेर*
ऑपरेशन सिंदूर में अदम्य साहस दिखाने वाले देश के 418 आर्मी स्टाफ को सेना प्रमुख (सीओएएस) प्रशस्ति पत्र पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इनके अतिरिक्त इस ऑपरेशन के दौरान सेना के साथ अन्य व्यवस्थाएं करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के 10 और भारतीय पुलिस सेवा के 19 अफसरों को भी विजेताओं की सूची में शामिल किया गया है।
इस सूची में जोधपुर संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह, बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीना भी शामिल है।

*जोधपुर-चूरू कलेक्टर भी होंगे सम्मानित*
इसके अलावा जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल, चूरू कलेक्टर अभिषेक सुराना को यह पुरस्कार दिया जाएगा। इनके अतिरिक्त आर्मी स्टाफ की सूची में बीकानेर बीएसएफ के महेंद्र सिंह और महेशचंद जाट भी शामिल किए गए हैं।

*अवार्ड का श्रेय जनता और पूरी टीम को*
एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने कहा- यह चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था। जनता का पूरा सहयोग और सुरक्षा एजेंसियों का तालमेल इसकी सफलता का आधार बना। हमने माहौल को भयमुक्त रखा और तय रणनीति के तहत काम किया। यही वजह रही कि यह ऑपरेशन न केवल सफल रहा बल्कि बाड़मेर पुलिस के उपलब्धि साबित हुआ। व्यक्तिगत रूप से मुझे अवार्ड भी मिला, लेकिन असली श्रेय जनता और पूरी टीम को जाता है।

जोधपुर संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह को भी किया जाएगा सम्मानित।

सेना के साथ मिलकर दिखाई थी प्रशासनिक कुशलता
असल में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का यह पुरस्कार वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। यह सेना के अतिरिक्त उन सिविलियंस को भी दिया जाता है, जिन्होंने ऐसी विकट परिस्थितियों में देशहित में अदम्य साहस का परिचय दिया हो। इसमें प्रशस्ति पत्र के अतिरिक्त बैज और पदक भी प्रदान किया जाता है।
राजस्थान के लिए एकमात्र महिला अधिकारी प्रतिभा सिंह सहित 6 अधिकारियों को यह सम्मान मिलना प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है। आने वाले समय में सेना परिसर में आयोजित होने वाले समारोह में इन्हें नवाजा जाएगा।

*देश के 418 आर्मी स्टाफ को भी मिलेगा पुरस्कार*
ऑपरेशन सिंदूर के समय राजस्थान के बॉर्डर का क्षेत्र बड़ा प्रभावित क्षेत्र था। जहां सेना के साथ समन्वय के साथ काम करते हुए जोधपुर संभागीय आयुक्त, कलेक्टर व अन्य अधिकारियों ने बेहतरीन प्रबंधन का परिचय दिया था। ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही संकेत मिलने के साथ ही पूरी तैयारी को अंजाम देते हुए गांव-गांव का सर्वे करा लिया गया था। संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह ने बताया कि उनके व पूरे प्रशासनिक तंत्र के लिए यह गौरव का क्षण था कि उन्हें देश हित में ऐसे अवसर पर काम करने का मौका मिला।

आवश्यकता पड़ने पर किस गांव के कितने लोगों को शिफ्ट कर कहां पहुंचाना है। उनके बिजली, पानी, भोजन व अन्य व्यवस्थाएं कैसे करनी हैं? बैकअप कैसे तैयार रखना है? एंबुलेंस-दमकल आदि की व्यवस्थाएं किस तरह करनी हैं? ब्लैक आउट की परिस्थितियों से कैसे निपटना है, यही सब चुनौती थी, जिसे सबने मिलकर पूरा किया

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