जन्माष्टमी पर्व के शुभ अवसर पर 77 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक जयकरन उर्फ ठाकुर प्रसाद चेरवा ने देव गुड़ी देवालय जमगहना में किया बरगद पौधा रोपण उनके पुर्वजों ने इस ग्राम की स्थापना किया था वे इस ग्राम के प्रथम बसिंन्धा क्रमांक 01परिवार का सदस्य हैं पौधा रक्षा के लिए नवडीहा परिवार संकल्पित हैं।
तहसील पटना कोरिया:-जन्माष्टमी पर्व के शुभ अवसर पर 77 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक जयकरन उर्फ ठाकुर प्रसाद चेरवा ने देवगुड़ी देवालय जमगहना में किया बरगद पौधा रोपण उनके चौथी पीढ़ी पुर्व पुर्वजों ने इस ग्राम की स्थापना किया था वे इस ग्राम के प्रथम बसिंन्धा क्रमांक 01परिवार का सदस्य हैं पौधा रक्षा के लिए नवडीहा परिवार संकल्पित हैं कंटीली झाड़ियो से किया गया सुरक्षित ज्ञात हो कि कुछ वर्षों पूर्व आंधी तूफ़ान के वज़ह से देवालय पूजा स्थल की महादेव नाम विशाल बरगद वृक्ष धरासाई हो गई थी तब से अब तक किसी ने भी पौधा रोपण कर उसे सुरक्षित नहीं किया था ग्राम जमगहना ग्राम पंचायत जमगहना विकास खण्ड बैकुंठपुर जिला कोरिया छत्तीसगढ़ अन्तर्गत यह आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत हैं यहां कि नागरिकों द्वारा प्रत्येक वर्ष बैशाख कृष्ण पक्ष में कठोरी पूजा के रूप में और दुर्गा दशहरा पर्व में दशई पर्व त्यौहार की तरह ग्रामवासी सार्वजनिक रूप से मनाते हैं ग्रामवासियों द्वारा ग्राम की सुख समृद्धि के लिए चेरवा बैंगा द्वारा नारियल फल फुल दूध गंगाजल पूजा अर्चना घी हवन बकरा मुर्गा की बलि, महुआ शराब देवी देवताओं को दिया जाता हैं और लोग सार्वजनिक रूप से अपनी खेती किसानी सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं,उस दिन देवालय में धान बोया जाता है यह आदिवासी रुडही प्रथा रीति-रिवाज के रुप में मनाया जाता है ये सदियों से चली आ रही परम्परागत रीति-रिवाज है इसे भारत के संविधान में अनुच्छेद 244(13)3 क में आदिवासियों की रीति-रिवाज को विधि का बल प्राप्त हैं।