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सत्य की सदैव विजय होती है और अधर्म का नाश : अश्वनी शर्मा


दिल्ली। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर समाजसेवी अश्वनी शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म प्रसंग को स्मरण करते हुए समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया।

उन्होंने कहा कि जब कंस का अत्याचार अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया, तब भगवान ने स्वयं अवतार लेकर अधर्म का नाश किया। कंस ने अपने ही पिता को बंदी बना लिया, ऋषि-मुनियों को सताया और वासुदेव-देवकी की संतान को जन्मते ही मार डालने का संकल्प लिया। उसने अपने आपको ही भगवान समझ लिया और अधर्म के मार्ग पर चलता चला गया। लेकिन सत्य को कोई भी शक्ति रोक नहीं सकती। भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेकर अंततः कंस का वध किया और असत्य पर सत्य की विजय का संदेश दिया।

अश्वनी शर्मा ने कहा कि यह कथा हमें यह सिखाती है कि चाहे इंसान कितना भी गलत क्यों न कर ले, छल और कपट से दूसरों को नुकसान पहुँचाकर वह लंबे समय तक विजयी नहीं रह सकता। अधर्मी का अंत निश्चित होता है और अंत में जीत हमेशा सत्य की होती है।

उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म हमें यह स्मरण कराता है कि सत्य और धर्म को दबाया नहीं जा सकता — वह किसी न किसी रूप में प्रकट होकर अधर्म का विनाश करता है। समाज को चाहिए कि वह इस प्रेरणा को अपने जीवन में उतारे और सदैव धर्म, न्याय व सत्य के मार्ग पर चलने का संकल्प ले।

अंत में अश्वनी शर्मा ने समस्त देशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

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