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गोण्डा (उत्तरप्रदेश) के साहित्यकार व चित्रकार श्री शिवशंकर लोध राजपूत को विश्व भूषण सम्मान-2025 मिला!


*गोण्डा (उत्तरप्रदेश) के साहित्यकार व चित्रकार श्री शिवशंकर लोध राजपूत को विश्व भूषण सम्मान-2025 मिला!*

निहारिका साहित्य मंच /कंट्री ऑफ इंडिया फाउंडेशन (लखनऊ- उत्तरप्रदेश) के सयुक्त तत्वाधान में तृतीय वार्षिकोउत्सव पर 11, अगस्त 2025 को उत्तरप्रदेश, लखनऊ के हिन्दी साहित्य संस्थान में कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला सभागार मे इस कार्यक्रम की (संस्थापिका -निहारिका साहित्य मंच) आदरणीया रीमा सिन्हा जी और अज़ीज़ सिद्दीकी (अध्यक्ष -कंट्री ऑफ इंडिया फाउंडेशन) ने की!
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि (उत्तरप्रदेश) केबिनेट मंत्री श्री अनिल राजभर जी के द्वारा दीप प्रज्वालित की गई, अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुल्तान शाकिर हाश्मी जी ने की, पूर्व मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, मुकुल महान, जश्न आजादी ट्रस्ट की सचिव और पी डब्लूयु डी (जेई) की मुख्य संरक्षक आदरणीया निघत खान उपस्थित रही, प्रसिद्ध एंकर अासिम काकोरवी ने मंच संचालन की भूमिका बखूबी निभाई, विश्व भूषण सम्मान उन कवि /कवियत्री को दिया गया जिनकी रचना छायावादी थी जो धीरे धीरे विलुप्त हो रही है श्री शिवशंकर लोध राजपूत की छायावादी रचना 'चूल्हे की आग' चयनित होने पर उन्हें विश्व भूषण सम्मान दिया गया, देश के कोने- कोने से और विदेश से भी कवि /कवियत्री तकरीबन 150 लोगों ने अपनी उपस्थित दर्ज करवाई, इतना भव्य और सुन्दर कार्यक्रम हुआ वो भी निशुल्क!.
इस सुनहरे अवसर पर गोण्डा (उत्तरप्रदेश) के चित्रकार व साहित्यकार श्री शिवशंकर लोध राजपूत को विश्व भूषण सम्मान, केबिनेट मंत्री श्री अनिल राजभर जी के हाथों प्रदान किया गया इन्होंने बताया कि यह सम्मान मेरे लिए एक अहम भूमिका रखता है साहित्य, समाज और मानवीय मूल्यों के प्रति मेरी लेखनी हमेशा यूं ही निरंतर चलती रहे!
इस सम्मान समारोह में साहित्य के साथ कला का भी संगम हुआ चित्रकार व साहित्यकार श्री शिवशंकर लोध राजपूत द्वारा बनाए गए पोर्टरेट स्केच साहित्यकार, लेखक, रचनाकार, कवियों को आदरणीया रीमा सिन्हा जी (संस्थापक -निहारिका साहित्यिक मंच), आदरणीय अजीज़ सिद्दक़ी (वरिष्ठ पत्रकार -लखनऊ),श्री बी. नेगी कृष्णा (उत्तराखंड), साक्षी जैन (मध्यप्रदेश), आदरणीया निभा राजीव (गुजरात),श्री रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव (ग़ज़लकार-लखनऊ), आदरणीया सपना अग्रवाल (मुज्जफर पुर) को भेंट स्वरूप इन्होंने अपने हाथों से दिया मंच पर, वहाँ उपस्थित मंचासीन, साहित्यकारों, लेखकों और श्रोता जनों ने कला की भूरी भूरी प्रशंसा की इससे इनकी कला को प्रोत्साहन के साथ साथ एक नई ऊर्जा मिली सबसे रूबरूह भी होने का मौका मिला जिनको हम फेसबुक पर आभासी दुनियां के द्वारा जानते थे उनसे आज मिल कर बहुत अच्छा लगा इन्होने डॉ रीमा सिन्हा और डॉ अजीज सिद्दीकी का ह्रदयतल से आभार व्यक्त किया।

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