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महिला विश्वविद्यालय को गुरुकुल की मूल भावना से जोड़ने का लें संकल्प-कुलपति प्रो सुदेश

खानपुर कलां, 14 अगस्त। महिला विश्वविद्यालय महान शिक्षाविद् भगत फूल सिंह एवं उनकी पुत्री पद्मश्री बहन सुभाषिणी देवी की तपोस्थली है। यह विश्वविद्यालय उनके बलिदान और उनकी प्रेरणा से नारी शिक्षा व सशक्तिकरण में जन भागीदारी का जीवंत उदाहरण है। यह बात भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुदेश ने आज भगत फूल सिंह के 83 वें बलिदान दिवस तथा पद्मश्री सुभाषिणी देवी की 111 वीं जयंती पर उन्हें नमन करते हुए व्यक्त किए।

प्रातःकाल भगत फूल सिंह जी की बलिदान स्थली पर निर्मित विश्वविद्यालय यज्ञशाला में आयोजित हवन-यज्ञ कार्यक्रम में कुलपति प्रो सुदेश तथा प्रो हवा सिंह ने मुख्य यजमान के रूप में आहुति डाली। बहन शकुंतला देवी ने पूरे विधि विधान से यज्ञ संपन्न कराया। यज्ञ उपरांत भगत फूल सिंह एवं पद्मश्री सुभाषिणी देवी को नमन करते हुए कुलपति प्रो सुदेश ने कहा कि यह आयोजन केवल हवन मात्र नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय समुदाय के लिए नए संकल्प लेने का अवसर है। कुलपति ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय को गुरुकुल की मूल भावना से जोड़ने का संकल्प भी लिया।


हवन यज्ञ कार्यक्रम के पश्चात कुलपति व अन्य अतिथियों ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित भगत फूल सिंह एवं पद्मश्री सुभाषिणी देवी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें पुनः नमन किया।

इस विशेष दिन को विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड-1 स्थित संस्कारम सभागार में आयोजित संस्कार सम्मान समारोह (संस्कार , समर्पण एवं संकल्प का पर्व) को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कुलपति प्रो सुदेश ने कहा कि शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं समन्वय के साथ नारी शिक्षा और सशक्तिकरण के मूल उद्देश्य को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि हमें भौतिकता की चकाचौंध में अपना मूल लक्ष्य नहीं भूलना चाहिए, यह उन महान आत्माओं को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कुलपति ने विश्वविद्यालय समुदाय का आह्वान किया कि वे टीम भावना से काम करते हुए संस्थान को विकास की ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा कि कोई भी समाज महिला व पुरुष के समान विकास के बिना संपूर्ण नहीं है। उन्होंने उपस्थित पूर्व स्नातिकाओं व प्राचार्यों से इस संस्थान के निरंतर विकास में भागीदार होने का आह्वान भी किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। तत्पश्चात आयुर्वेद संस्थान की छात्राओं ने भगत फूल सिंह एवं पद्मश्री सुभाषिणी देवी के जीवन संस्मरणों को नाटिका के माध्यम से जीवंत किया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो सुदेश ने पद्मश्री सुभाषिणी देवी शोध पीठ के तत्वावधान में रचित पत्रिका सुभाषिता के दूसरे संस्करण "विकसित भारत की ओर हमारी हिस्सेदारी व भागीदारी " भगत फूल सिंह जी पर रचित पुस्तक का विमोचन भी किया।

सुभाषिनी देवी शोध पीठ की निदेशक प्रो डेज़ी ने बताया कि इस अवसर पर विश्वविद्यलय के विभिन विभागों द्वारा पोस्टर मेकिंग , स्लोगन राइटिंग , क्विज कांटेस्ट आदि का आयोजन भी किया गया। जिनके विजेता छात्राओं को भी इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया।

वही कार्यक्रम में विशिस्ट अतिथि के रूप में पहुंचे भारतीय अर्थ शास्त्र से सेवानिवृत डॉ महिपाल सिंह द्वारा भगत फूल सिंह जी के जीवन पर लिखित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

डॉ महिपाल सिंह ने भगत जी के जीवन परिचय पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम में आचार्य डॉ योगेंदर मलिक ने भी भगत फूल सिंह जी व बहन सुभाषिनी जी के आदर्शो पर चर्चा करते हुए छात्राओं को उनके संस्कार आत्मसात करने की प्रेरणा की।

कार्यक्रम में डॉ महिपाल सिंह , डॉ योगेंदर मलिक व बहन ज्ञानवती को संस्कार सम्मान से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम संचालन का दायित्व डॉ महेश कौशिक ने बखूबी निभाया।

कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो शिवालिक यादव ने किया।

इस अवसर पर बहन कमला देवी, ज्ञानवती, शकुन्तल, डीन ऐकडेमिक अफेयर्स प्रो संकेत विज, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो श्वेता सिंह, चीफ वार्डन प्रो शालिनी अत्रि , प्रो रवि भूषण ,उपकुलसचिव डॉ नीलम मलिक सहित विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी, गैर शिक्षक कर्मचारी एवं छात्राएं उपस्थित रही।

फोटो कैप्शन-

01- भगत फूल सिंह के 83 वें बलिदान दिवस तथा पद्मश्री सुभाषिणी देवी की 111वीं जयंती पर आयोजित हवन कार्यक्रम में आहुति देते हुए महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुदेश एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति।

02- भगत फूल सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए कुलपति प्रो सुदेश एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति।

03- पद्मश्री सुभाषिणी देवी की समाधि पर पुष्प अर्पित करते हुए कुलपति प्रो सुदेश एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति।

04 भगत फूल सिंह जी के जीवन पर लिखित पुस्तक का विमोचन करते कुलपति व अन्य।

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