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कोतमरा में 200 साल से नहीं बना स्थायी मुक्तिधाम, ग्रामीण बोले-मरने के बाद भी सम्मान नहीं..........?

सारंगढ़ जिला मुख्यालय से महज सात किलोमीटर दूर नवीन ग्राम पंचायत कोतमरा के ग्रामीणों ने कलेक्टर से स्थायी मुक्तिधाम निर्माण की मांग की है। लगभग 1000 की आबादी वाले इस गांव में पिछले 200 साल से कोई भी स्थायी मुक्तिधाम नहीं है। ग्रामीण आज भी अंतिम संस्कार के लिए शवों को कंधों पर उठाकर टिकरा मैदान, खेतों या नाले किनारे ले जाने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में स्थिति और भी विकट हो जाती है, जब कीचड़ और पानी से भरे रास्तों से होकर शवदाह स्थल तक पहुंचना पड़ता है। न वहां पक्का रास्ता है, न शेड, और न ही कोई सुरक्षित इंतज़ाम।

ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले कई दशकों में न जाने कितने सरपंच, जिला सदस्य, जनपद सदस्य और विधायक यहां बदले, लेकिन किसी ने स्थायी मुक्तिधाम निर्माण पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह गांव के लिए शर्मनाक है कि मरने के बाद भी शवों को सम्मानजनक जगह नहीं मिलती।

वर्तमान सरपंच शीतल वारे ने बताया, “हमने प्रशासन से मुक्तिधाम निर्माण की मांग की है। जैसे ही कार्य आदेश मिलेगा, तत्काल निर्माण शुरू किया जाएगा।”

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