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मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता जनाब मौलाना साजिद का निधन
अररिया के डोरिया सोनापुर गांव के रहने वाले मौलाना साजिद एक मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर जाने जाते थे नशा मुक्ति अभियान के संस्थापक थे।
कहा जाता है कि बीते एक हफ्ते से उनकी तबीयत खराब थी कोरोना के शिकार थे शुक्रवार की रात को सदर अस्पताल अररिया में भर्ती कराया गया था।
सांस लेने में दिक्कत आ रही थी शनिवार की सुबह को ऑक्सीजन की कमी के कारण उन्हें सदर अस्पताल से रेफर कर दिया गया।
दूसरी जगह के लिए जाने के कर्म में रास्ते में ही दम तोड़ दिया मौलाना साजिद समाज सुधार के लिए हमेशा लड़ते रहे जात पात भेदभाव से ऊपर उठकर उन्होंने हमेशा अपने समाज की सेवा की यही वजह है कि लोग उनके निधन की खबर को सुनकर हक्का बक्का रह गए ।
अररिया जिला में एक मातम सा छा गया करोना गाइडलाइन की पालन करते हुए परिजनों ने आज शनिवार को जोहर की नमाज के बाद उन्हें सुपुर्द ए खाक किया
बीवी बच्चों और घरवालों का रो रो कर बुरा हाल है ।
उनके करीबी और मदरसा इस्लामिया यतीम खाना अररिया के प्रिंसिपल मौलाना शाहिद आदिल कासमी ने रोते हुए बताया कि मौलाना साजिद मरहूम बहुत नेक और मिलनसार इंसान थे समाज के लिए काम करने का जज्बा उनके अंदर बहुत ज्यादा था वहीं उनके एक और दोस्त जनाब मुफ्ती हुमायूं इकबाल साहब ने बताया कि मौलाना साजिद मरहूम मोहब्बत और भाई चारगी के प्रचारक थे पयाम इंसानियत के लिए हमेशा उन्होंने काम किया।
मौलाना साजिद की शादी अररिया जिला के जोकि ब्लॉक के तारण गांव में वसीक साहब की बेटी से हुई थी मौलाना साजिद मरहूम को 6 बेटे और एक बेटी है।