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*बिन्दरवाडा विद्यालय में मुरारीलाल शर्मा को दी गई भावभीनी विदाई ग्रामवासियों ने निकाला बैंड-बाजे के साथ जुलूस*

दौसा (बिन्दरवाडा ) राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बिन्दरवाडा में गुरुवार को एक ऐतिहासिक और भावुक क्षण उस समय देखने को मिला जब संस्कृत विषय के वरिष्ठ शिक्षक मुरारीलाल शर्मा के सेवानिवृत्त होने पर पूरे विद्यालय परिवार और ग्रामवासियों ने मिलकर उन्हें भव्य और भावभीनी विदाई दी। शिक्षक के प्रति गाँव के लोगों का स्नेह, सम्मान और आत्मीय जुड़ाव कार्यक्रम की हर एक रेखा में झलकता रहा।

विदाई समारोह विद्यालय परिसर में आयोजित किया गया, जहाँ सैकड़ों की संख्या में ग्रामवासी, अभिभावक, पूर्व विद्यार्थी, पंचायत प्रतिनिधि, शिक्षकगण और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने शर्मा के शिक्षा क्षेत्र में दिए गए योगदान, उनकी सादगी, मधुर वाणी और संस्कारशील व्यवहार की सराहना की।

मुरारीलाल शर्मा का कार्यकाल न केवल विद्यालय में बल्कि पूरे गाँव के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा। ग्रामवासियों ने बताया कि एक बार जब उनका ट्रांसफर किसी अन्य स्थान पर हुआ था, तो पूरे गाँव ने एकजुट होकर उनके स्थानांतरण को रुकवाने के लिए प्रयास किया, और सफल भी हुए। यह घटना शिक्षक और गांव के बीच के गहरे संबंध को दर्शाती है।

सेवानिवृत्ति के अवसर पर गाँव बिन्दरवाडा से लेकर उनके पैतृक गांव कैलाई तक भव्य जुलूस निकाला गया, जिसमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजों और पुष्प वर्षा के बीच जब यह जुलूस चला, तो मानो पूरा गांव एक परिवार बन गया हो जो अपने प्रिय गुरु को विदाई देने निकला हो।

इस आत्मीय सम्मान और गाँव के स्नेह को देखकर भावुक हुए गुरुजी ने सभी ग्रामवासियों के लिए अपने गांव कैलाई में सामूहिक भोजन का आयोजन किया। कार्यक्रम में स्नेह, सम्मान और भावनाओं की गंगा बहती रही, और हर किसी की आँखें गुरुजी के प्रति सम्मान से नम थीं।

इस अवसर पर विद्यालय प्रधानाचार्य ने कहा कि मुरारीलाल शर्मा जैसे समर्पित शिक्षक विरले ही होते हैं, जिन्होंने शिक्षा को सिर्फ एक नौकरी नहीं बल्कि एक साधना की तरह निभाया।

संस्कार, सादगी और समर्पण की प्रतिमूर्ति रहे मुरारीलाल शर्मा आज भले ही औपचारिक रूप से सेवानिवृत्त हुए हों, लेकिन वे हमेशा बिन्दरवाडा और कैलाई गांव के दिलों में जीवित रहेंगे।
न्यूज़ रिपोर्टर:-महेंद्र सैनी सिकंदरा

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