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सावन के मुख्य पर्व शिव तेरस पर हंगामा… कांवड़ यात्रा मार्ग पर मृत पशुओं के सींग और मांस से भरे ट्रक पकडे जाने पर कावड़ियों ने कि तोड़फोड़,आगजनी।


सावन के मुख्य पर्व “शिव तेरस” पर कावड़ यात्रा मार्ग में कैसे आया मृत पशुओं के सींगों से भरा ट्रक? क्यों कांवड़ियों को अपने हाथ में लेन पड़ी कमान? आखिर कहां सोया था शासन, प्रशासन?

शाहजहांपुर। जलालाबाद: सावन मास के प्रमुख पर्व शिव तेरस (7 अगस्त) की पूर्व रात्रि को शाहजहांपुर के कलान थाना क्षेत्र में मुरादाबाद-फर्रुखाबाद स्टेट हाईवे पर मृत पशुओं के सींग और कथित तौर पर मांस से भरे एक ट्रक को लेकर कांवड़ियों ने हंगामा किया… इस घटना में गुस्साए कांवड़ियों ने ट्रक में तोड़फोड़ की और आग लगा दी, जिससे भगदड़ मच गई. पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि डीएम और एसपी के भारी वाहनों पर रोक के आदेश के बावजूद यह ट्रक कांवड़ यात्रा मार्ग पर कैसे पहुंचा.
कहां और कैसे घटी घटना?
सामने आई जानकारी के अनुसार घटना शिव तेरस से एक रात पहले करीब 2 बजे की है जब लाखों कांवड़िए ‘बम बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के साथ कलान थाना क्षेत्र के पटना देवकली मंदिर में जलाभिषेक के लिए जा रहे थे… इस दौरान मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे पर एक ढाबे के पास से मृत पशुओं के सींगों से भरा एक ट्रक गुजर रहा था, जिससे तेज दुर्गंध फैल रही थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कांवड़ियों ने ट्रक का तिरपाल हटाकर देखा तो उसमें ऊपर मृत पशुओं के सींग और नीचे कथित तौर पर पशुओं का मांस भरा था.
खींचतान में बिगड़े हालात
ये नजारा देख गुस्साए कांवड़ियों ने ट्रक चालक और परिचालक को कैबिन से खींचने की कोशिश की. पुलिस ने चालक और परिचालक को बचाने की कोशिश की लेकिन इसी बीच ट्रक में आग लग गई जिससे वह धू-धूकर जलने लगा. आगजनी से कांवड़ियों में भगदड़ मच गई और पुलिस भी स्थिति बिगड़ते देख पीछे हट गई. फायर ब्रिगेड ने तत्काल पहुंचकर आग पर काबू पाया, जिससे बड़ा हादसा टल गया. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कांवड़िए ट्रक में तोड़फोड़ करते और गुस्से में नजर आ रहे हैं हालांकि पुलिस ने तोड़फोड़ की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
शाहजहांपुर के DM और SP ने सावन के प्रमुख पर्वों से एक दिन पहले काबड यात्रा मार्ग पर भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. मिर्जापुर थाना से पटना देवकली मंदिर तक चार पुलिस चेक पोस्ट स्थापित की गई थीं. इसके बावजूद, दुर्गंध फैलाने वाला यह ट्रक चारों चेक पोस्ट्स को पार कर कांवड़ यात्रा मार्ग पर कैसे पहुंचा, इस सवाल का जवाब पुलिस और प्रशासन के पास नहीं है. कांवड़ियों ने इसे पुलिस की लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिणाम बताया है.
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस बारे में जब सीओ जलालाबाद अजय राय और थाना प्रभारी कलान प्रभाष चंद्र से पूछा गया तो वे मीडिया के सवालों से बचते नजर आए. पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं की है और न ही चालक या परिचालक के बारे में कोई जानकारी दी है. हालांकि, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है. डीएम और एसपी ने इस घटना पर चुप्पी साध रखी है, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.
कांवड़ियों ने लगाए भ्रष्टाचार का आरोप
कांवड़ियों का कहना है कि योगी सरकार ने पशु मांस और तस्करी पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं, फिर भी इस तरह की घटना पुलिस की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है. कुछ कांवड़ियों ने दावा किया कि ट्रक में मांस को छिपाने के लिए सींगों का उपयोग किया गया था, जो उनकी धार्मिक भावनाओं का अपमान है. इस घटना ने सावन शिव तेरस जैसे पवित्र अवसर पर माहौल को तनावपूर्ण बना दिया.
सवालों के घेरे में सरकार
आपको बता दें पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. ट्रक चालक और परिचालक के बारे में जानकारी नहीं दी गई है. कांवड़ियों ने पुलिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इस घटना को उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया है. योगी सरकार, जो काबड यात्रा की सुरक्षा और सुचारु संचालन के लिए हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा और हाईटेक व्यवस्थाएं लागू करती रही है, इस घटना के बाद सवालों के घेरे में है.

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