
भारी बारिश, नहर कटाव और जलभराव से किसानों की फसलें खतरे में, किसान नेता देव स्वरूप पटेल ने अधिकारियों से की तत्काल कार्रवाई की मांग
पीलीभीत जनपद में पहाड़ों पर भारी बारिश के चलते डामों से छोड़े जा रहे पानी और नहरों के ओवरफ्लो होने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसी क्रम में बीते दिन बिलसंडा क्षेत्र के ग्राम बडेपुरा मरौरी में निगोही नहर ब्रांच का पटरा कट जाने से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका बनी हुई है।
इस गंभीर स्थिति की सूचना मिलते ही किसान नेता देव स्वरूप पटेल ने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता और तहसीलदार बीसलपुर से वार्ता कर तत्काल नहर मरम्मत का कार्य शुरू कराने को कहा। देर शाम तक नहर का पटरा ठीक करने का प्रयास किया गया, लेकिन लगातार बारिश और गीली मिट्टी के कारण कार्य पूर्ण नहीं हो सका। आज सुबह ही तहसील प्रशासन के हल्का लेखपाल रूपेश और सिंचाई विभाग के जेई मौके पर पहुंचकर रेत के कट्टे लगाकर मरम्मत कार्य में जुटे हुए हैं।
देव स्वरूप पटेल ने प्रशासन से यह भी मांग की कि अगर किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त होती हैं, तो राजस्व विभाग द्वारा तत्काल सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़, कटाव और लगातार हो रही वर्षा के चलते किसानों की मेहनत पर पानी फिर सकता है, इसलिए प्रशासन को चौकन्ना रहने की जरूरत है।
इसी के साथ उन्होंने बीसलपुर-बरेली हाईवे स्थित भड़रिया मोड़ पर हो रहे भारी जलभराव की समस्या पर भी संज्ञान लिया। कई दिनों से जल निकासी न होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही थी। मौके पर पहुंचे देव स्वरूप पटेल ने प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों से बातचीत कर समस्या की जानकारी ली और तुरंत PWD NH खंड के अधिशासी अभियंता शशांक भार्गव से फोन पर वार्ता की। देर शाम भड़रिया मोड़ से रपटुआ नदी तक मशीन द्वारा नाला खुदवाया गया, जिससे जलभराव की समस्या का समाधान हो सका।
किसान नेता ने कहा कि नदियों में डैमों से छोड़े जा रहे पानी के कारण नदी किनारे खेती कर रहे किसानों और निवास कर रहे लोगों को सावधानीपूर्वक कार्य करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि स्थिति गंभीर हो सकती है, इसलिए सभी लोग सतर्क रहें।
पूर्व में पीलीभीत सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने भी जन संवाद कार्यक्रम में बाढ़ एवं सिंचाई, राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया था कि किसानों की फसल को नुकसान न हो, इसके लिए हर जरूरी कदम समय पर उठाए जाएं। बाढ़ प्रबंधन से जुड़े संसाधन जैसे बाढ़ चौकियां, मोटरबोट व अन्य आवश्यक सेवाएं समय पर प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जाएं।
देव स्वरूप पटेल ने अंत में कहा कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर निपटाया जाना चाहिए और प्रशासन को हर हाल में सजग रहना होगा ताकि किसी भी तरह की जनहानि या फसल क्षति से बचा जा सके।